New Delhi नई दिल्ली: देश के विभिन्न आंतरिक सुरक्षा क्षेत्रों में कठिन ड्यूटी करने वाले अपने कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए अर्धसैनिक बल द्वारा चलाए गए “विशेष अभियान” के तहत इस महीने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के करीब 5,000 जवानों और उप-अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है। बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को पीटीआई को बताया कि पदोन्नत किए गए कर्मियों में कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सहायक उप-निरीक्षक और उप-निरीक्षक रैंक के कर्मी शामिल हैं, जो नाई, बैंड वादक, बढ़ई, मोटर मैकेनिक, ड्राइवर, रसोइया और सामान्य लड़ाकू ड्यूटी कैडर के रूप में काम करते हैं।
अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) महानिदेशक के निर्देश पर अक्टूबर में बल में चलाए गए विशेष अभियान के तहत कुल 4,959 कर्मियों को पदोन्नत किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक, इन कर्मियों को बल मुख्यालय स्तर पर एक “अनुमोदित सूची” तैयार करने के बाद पदोन्नत किया जाता था, जब कोई कर्मचारी वार्षिक स्वास्थ्य और फिटनेस परीक्षण पास कर लेता था और सतर्कता के दृष्टिकोण से उसका सेवा रिकॉर्ड स्पष्ट होता था। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ समेत सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को पुरानी प्रथा को छोड़ने और अगले साल से विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक आयोजित करने के बाद अराजपत्रित कर्मियों को पदोन्नत करने का निर्देश दिया है, जिसके बाद बल में यह विशेष कदम उठाया गया है।
अधिकारी ने बताया कि पात्र कर्मियों के लिए एक व्यापक सूची तैयार की गई है और 1 जनवरी, 2025 से नई व्यवस्था लागू होने से पहले उन्हें इस महीने पदोन्नति आदेश जारी किए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य देश के तीन मुख्य आंतरिक सुरक्षा क्षेत्रों- नक्सल विरोधी अभियान, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी कार्य और पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद विरोधी ड्यूटी में कठिन ड्यूटी करने वाले जवानों का मनोबल बढ़ाना है। करीब 3.25 लाख कर्मियों वाला सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा सीएपीएफ है और किसी भी समय इसके लगभग 95-97 प्रतिशत ऑपरेशनल मैनपावर को ऑपरेशन में तैनात किया जाता है।