पत्नी के सामने बेटी को हवस का शिकार बनाने वाले कलयुगी पिता को अदालत ने सुनाई दस साल की सजा
कलयुगी पिता को अदालत ने सुनाई दस साल की सजा
पत्नी के रहते अपनी ही बेटी को हवस का शिकार बनाने वाले दरिंदे को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज मित्तल की कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई और उस पर 65 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। एक अन्य मामले में अदालत ने वैश्यावृत्ति में फंसी किशोरी से दुष्कर्म करने वाले को भी सात साल की सजा सुनाई है और उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इस मामले में किशोरी से वैश्यावृत्ति कराने वाली महिला को कोर्ट ने पहले की सजा सुना चुकी है। वर्ष 2019 में पत्नी की मौत होने के बाद दरिंदा पिता लगातार बेटी को शिकारा बनाता रहा। बड़ी मुश्किल से पीड़िता ने साहस करके पुलिस के पास पहुंची और अपने ही पिता के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
ये है पूरा मामला
महिला थानाक्षेत्र में रहने वाली 18 साल की युवती परिवार के साथ रहती है। वह दो भाई और दो बहन हैं। पीड़िता ने दसवीं तक पढ़ाई भी कर रखी है। वर्ष 2018 में इसकी मां गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई थी। जिससे वह चल फिर नहीं पाती थी। इसी का फायदा उठाते हुए युवती का पिता बेटी से दुष्कर्म करना शुरू कर दिया था। बेटी ने जब इस घटना के बारे में मां को बताया तो लाचार मां ने बेटी को समझाते हुए इस बारे में किसी से चर्चा न करने की बात कहकर उसे चुप करा दिया।
शराब पीकर वारदात को देता था अंजाम
लीगल सेल के एडवोकेट रविंद्र गुप्ता ने बताया कि पीड़िता के मुताबिक उसका पिता शराब पीने का आदी था। गंभीर बीमारी चलते पीड़िता के मां की एक जुलाई 2019 का मौत हो गई। इससे पिता और निडर हो गया। अक्टूबर 2019 तक दरिंदे पिता ने बेटी से 6-7 बार दुष्कर्म किया। जब बेटी विरोध करती तो वह बेरहमी से पिटाई कर उसे शांत करा देता और जान से मारने की धमकी देता था। पिता के अत्याचार से परेशान होकर पीड़िता एक अक्टूबर 2019 को थाने पहुंची और पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने केस दर्ज कर पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पीड़िता के बयान व कपड़े पर लगे सीमेन से हुई सजा
एडवाेकेट गुप्ता ने बताया कि पीड़िता के बयान को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज मित्तल की कोर्ट ने सबूत के लिए काफी अहम माना। क्योंकि कोई भी बेटी बिना किसी कारण के पिता पर गंभीर आरोप नहीं लगा सकती। इसके अलावा पीड़िता के कपड़े पर मिले सीमेन और डीएनए टेस्ट को अदालत ने प्रमुख साक्ष्य मानते हुए पिता को दस साल की सुनाई और 65 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
किशोरी से दुष्कर्म करने वाला अशरफ उर्फ चाचा, इसे सुनाई गई सात साल की सजा।
किशोरी से दुष्कर्म करने वाला अशरफ उर्फ चाचा, इसे सुनाई गई सात साल की सजा।
कोठे पर किशोरी से दुष्कर्म करने वाले को सात साल की सजा
एक अन्य मामले में कोठे पर अपहरण कर ले जायी गई किशोरी से दुष्कर्म करने वाले को अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। एडवोकेट गुप्ता ने बताया कि सूरजकुंड एरिया में रहने वाली 15साल की किशोरी अपने भाई से मिलने 28 अप्रैल 2017 को संगम विहार दिल्ली जा रही थी। किशोरी के जानने वाले महबूब और कलाम उसे रास्ते में मिल गए और पीड़िता से संगम विहार जाने की बात कही। दोनों आरोपी बाइक पर बैठाकर पीड़िता को ले जाने लगे। आरोपी महबूब संगम विहार से पहले ही रास्तें में उतर गया जबकि कलाम पीड़िता को लेकर तुगलकाबाद की ओर चल दिया। कलाम ने पीड़िता को शीला नामक महिला के पास ले जाकर 60 हजार रुपए में बेच दिया।
किशोरी से वैश्यावृत्ति कराने लगी महिला
एडवोकेट गुप्ता ने बताया कि शीला नामक महिला किशोरी से वैश्यावृत्ति कराने लगी थी। आरोपी महबूब और कलाम भी कभी कभार कोटे पर पहुंचकर उससे दुष्कर्म करता था। वहां पर ओखला के अब्दुल फजाल एंक्लेव जामियानगर नई दिल्ली निवासी अशरफ उर्फ चाचा भी किशोरी से दुष्कर्म करता था। 24 मई 2019 को आरोपी भगोड़ा घोषित हो गया था। पुलिस ने 18 सितंबर 2019 को अशरफ उर्फ चाचा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सोमवार को केस की सुनवाई करते हुए अदालत ने अशरफ को सात साल की सजा सुनाई और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। बाकी आरोपियों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है