कोर्ट ने दिल्ली के कुतुबमिनार परिसर में मूर्तियों को याथवत रखने के दिए आदेश

Update: 2022-04-14 17:05 GMT

दिल्ली न्यूज़: साकेत कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश निखिल चोपड़ा की अदालत ने बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को कुतुबमीनार परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद से दो हिंदू देवताओं की मूर्तियों को यथवत रखने का आदेश दिया है। अदालत में दायर की गई याचिका में कुतुबमीनार परिसर में लगीं हिंदू और जैन धर्म के देवताओं की मूर्तियों की पूजा के अधिकार की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि आक्रमण से पहले परिसर के अंदर एक मंदिर था। परिसर में जैन र्तीथकर, भगवान विष्णु, गणोश, शिव, देवी गौरी, हनुमान जी सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं, जिसमें 27 मंदिरों के पीठासीन देवता शामिल हैं। गौरतलब है कि मामले में पहले से ही पूजा के अधिकार को लेकर याचिका दाखिल कर चुके अधिवक्ता विष्णु जैन और रंजना अग्निहोत्री ने नई अर्जी दाखिल कर उसमें कहा है कि गणोश जी की मूर्तियों को लेकर नेशनल मोन्यूमेंट आथिरिटी के दिए सुझाव के मुताबिक नेशनल म्यूजियम या किसी दूसरी जगह विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। इसकी बजाए उन्हें इसी परिसर में हीं पूरे सम्मान के साथ उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए।

दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर 73 मीटर ऊंचे कुतुबमीनार का निर्माण दिल्ली के अंतिम हिंदू साम्राज्य की हार के बाद स्थल पर 27 हंिदूू मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री से किया गया था। वेबसाइट के अनुसार, इसके कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद पूर्वी द्वार पर एक शिलालेख पर भी लिखा है कि इसे 27 हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने से प्राप्त सामग्री के साथ बनाया गया था।

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