नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को अंकुश खन्ना को जमानत दे दी, जिस पर अंजलि (20) की नृशंस मौत के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है, एक जनवरी की तड़के कार से टक्कर के बाद लगभग 12 किमी तक घसीटे जाने के बाद अंजलि की दर्दनाक मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने खन्ना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (अपराधी को कानूनी सजा से बचाने के इरादे से किसी भी सबूत को गायब करना) और 212 (अपराधी को शरण देना) के तहत मामला दर्ज किया था। रोहिणी अदालत ने उन्हें 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी।
अंजलि की मौत के मामले में अंकुश सातवां आरोपी है जिसे गिरफ्तार किया गया है। अन्य छह आरोपी आशुतोष, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। जांच के दौरान अपना नाम सामने आने के बाद से फरार चल रहे अंकुश ने शुक्रवार शाम सुल्तानपुरी थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था।
आरोपियों में से एक दीपक खन्ना कथित तौर पर अपने घर पर था जब घटना हुई थी, और अन्य आरोपियों ने उसे दोष अपने ऊपर लेने के लिए कहा क्योंकि वह ड्राइविंग लाइसेंस वाला एकमात्र व्यक्ति था। दीपक अन्य आरोपियों को उनके घर ले जाने के लिए अपने चाचा का ऑटो-रिक्शा भी लाया था। गाड़ी अमित चला रहा था लेकिन उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, दीपक को पुलिस को यह बताने के लिए कहा गया था कि घटना के समय वह ड्राइवर की सीट पर था।
सूत्रों के मुताबिक, घटना के समय कार में केवल चार व्यक्ति- अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल थे। अंजलि अपनी दोस्त निधि के साथ रोहिणी के एक होटल से पार्टी करके घर लौट रही थी, तभी रात करीब 2 बजे उसकी स्कूटी को कार ने टक्कर मार दी। फिर उसे कार द्वारा कई किलोमीटर तक घसीटा गया, और उसका नग्न शव सड़क पर पड़ा मिला। कंझावला इलाके में सुबह करीब चार बजे किसी राहगीर ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
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