अदालत से सजा सुनने के बाद दोषी पुलिसकर्मी मुंह छिपाकर निकले बाहर

Update: 2022-12-24 07:46 GMT

गाजियाबाद न्यूज़: वर्ष 2006 में एटा में फर्जी मुठभेड़ करने वाले पुलिसकर्मियों को सीबीआई कोर्ट द्वारा सजा सुनाई जानी थी. खाकी की आड़ में हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों को क्या सजा मिलेगी, यह जानने के लिए वकील, पुलिस कर्मियों के अलावा आम लोग भी उत्सुक थे. सजा सुनाने के लिए कोर्ट रूम ले जाते समय दोषी पुलिसकर्मियों के चेहरे मायूस थे. लेकिन, जैसे ही पांच पुलिसकर्मियों को मुठभेड़ और चार को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई तो उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े. सजा सुनने के बाद सभी दोषी पुलिस कर्मी मुंह छिपाते हुए कोर्ट रूम से निकले.

फर्जी मुठभेड़ के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को तत्कालीन थाना प्रभारी समेत नौ पुलिसकर्मियों को हत्या और साक्ष्य मिटाने का दोषी ठहराते हुए सजा के प्रश्न पर सुनवाई की तिथि निर्धारित की थी. सुबह सभी दोषियों को अदालत लाकर हवालात में बंद कर दिया गया. साढ़े 12 बजे सुनवाई के लिए दोषी पुलिसकर्मियों को कोर्ट रूम में लाया गया. बहस के बाद पुलिसकर्मियों को वापस कचहरी की हवालात में बंद कर दिया गया.

दोपहर बाद करीब तीन बजे सजा के प्रश्न पर बहस शुरू हुई. बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा दलील दी गई कि सभी पुलिसकर्मी रिटायर हो चुके हैं. कई बीमारी एवं बुढ़ापे से ग्रस्त हैं. अधिवक्ता ने अभियुक्तों के इन पहलुओं को ध्यान में रखकर कम से कम सजा देने की अपील की

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