नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारतीय नौसेना के जहाज 'अंजदीप' की निर्माण प्रक्रिया 13 जून को शुरू की गई है। नौसैनिक समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए प्रिया पंडित ने अथर्ववेद के मंत्रोच्चारण के साथ जहाज का शुभारंभ किया। नौसेना का यह जहाज तटीय समुद्री इलाकों में पनडुब्बी रोधी ऑपरेशन, लो इंटेंसिटी मैरीटाइम ऑपरेशंस (एलआईएमओ) और तटीय जल में उपसतह निगरानी सहित माइन लेइंग ऑपरेशन के लिए डिजाइन किए गए हैं। 'अंजदीप' 77 मीटर लंबे एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 25 समुद्री मील की अधिकतम गति और 1800 एनएम की सहनशक्ति के साथ 900 टन की विस्थापन क्षमता है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि महज छह महीने की अवधि में एक ही श्रेणी के तीन जहाजों का शुभारंभ करना केंद्र सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन के हिस्से के रूप में स्वदेशी जहाज निर्माण के प्रति हमारे संकल्प को मजबूत करता है। इस परियोजना के तहत निर्मित पहले जहाज को इस साल दिसंबर तक भारतीय नौसेना को सौंपने की योजना है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा पूरा निष्पादित किया जाता है। इससे रोजगार पैदा होता है और देश की क्षमता में बढ़ोतरी भी होती है।
रक्षा मंत्रालय (एमओडी) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता के बीच आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के लिए अनुबंध पर 29 अप्रैल, 2019 को हस्ताक्षर किए गए थे। निर्माण रणनीति के अनुसार, जीआरएसई, कोलकाता में चार जहाजों का निर्माण किया जा रहा है और शेष चार जहाजों के निर्माण के लिए मैसर्स एल एंड टी शिपबिल्डिंग, कट्टुपल्ली के साथ उप-अनुबंध किया गया है। अनार्ला श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना के सेवारत अभय वर्ग एएसडब्ल्यू कॉर्वेट्स की जगह लेंगे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मैसर्स जीआरएसई द्वारा निर्मित एएसडब्ल्यू शैलो वाटर क्राफ्ट (एसडब्ल्यूसी) परियोजना के आठ जहाजों में से तीसरे जहाज 'अंजदीप' का शुभारम्भ 13 जून, 2023 को मैसर्स एल एंड टी, कट्टुपल्ली में किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता वीएडीएम आर.बी. पंडित, सी-इन-सी (एसएफसी) ने की। इस जहाज का नाम कारवार से दूर स्थित अंजदीप द्वीप को दिए गए सामरिक समुद्री महत्व को दर्शाने के लिए अंजदीप रखा गया है। यह द्वीप एक बांध (ब्रेकवाटर) के जरिए मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ है और आईएनएस कदंबा का हिस्सा है। आयोजन के पूरा होने पर वीएडीएम आर.बी. पंडित ने 7वें एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाज की निर्माण प्रक्रिया भी शुरू करा दी।
--आईएएनएस