चंडीगढ़: प्रदेश में क्लर्कों की चल रही हड़ताल की वजह से सरकार के खजाने पर बड़ा असर पड़ा है। सिर्फ 17 दिन की हड़ताल में 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा प्रभाव तहसील और उप तहसील पर पड़ा है, यहां से सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व मिलता था। इसके साथ ही माइनिंग और व्हीकल टैक्स भी घट गया है।
बता दें कि प्रदेश में क्लर्क 5 जुलाई से हड़ताल पर हैं। 5 से 21 जुलाई तक सरकार को मिले राजस्व तुलना पिछले साल इस अवधि के दौरान हुई आय से की गई। इसमें सबसे बड़ा फर्क स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन फीस पर पड़ा है। 2022 में इस अवधि में सरकारी खजाने में 548.77 करोड़ रुपए आए, जबकि इस साल 370.31 करोड़ रुपए आए हैं। यानी सरकार को 178.46 करोड़ का नुकसान हुआ है।
वहीं क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के राज्य प्रधान विक्रांत तंवर ने कहा कि जब तक हमारी 35,400 पे-स्केल की मांग पूरा नहीं की जाती,तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। इसे लेकर बुधवार को फिर वार्ता किया जाएगा। आगे देखने वाली बात होगी कि सरकार क्लर्कों की मांगों को कब तक पूरा करती है।