चीफ जस्टिस की टिप्पणी- फैसला पसंद न आने पर सरकारों ने जजों को बदनाम करना शुरू कर दिया
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने जजों की छवि बिगाड़ने को लेकर नाराजगी जताई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने जजों की छवि बिगाड़ने को लेकर नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने कहा है कि अब देशभर की सरकारों ने जजों की छवि खराब करना शुरू कर दिया है. जिस जज का फैसला पसंद नहीं आता, उसकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की जाती है. ऐसा लगातार देखा जा रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ दायर एक अपील पर सुनवाई के दौरान की. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ राज्य की भूपेश बघेल सरकार की तरफ से करवाई जा रही जांच को रद्द कर दिया था.
फैसला पसंद न आने पर बिगाड़ी जाती है जजों की छवि- चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने जजों की छवि बिगाड़ने को बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. अमन सिंह छत्तीसगढ़ राज्य की पिछली रमन सिंह सरकार में प्रमुख सचिव थे. हाई कोर्ट ने जांच को रद्द करते हुए राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने कहा था कि पूरे मामले में प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अपील पर सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता उचित शर्मा के वकील ने अमन के ऊपर अपने आरोपों को दोहराया. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार बदलने के बाद ऐसे आरोप लगाना आम बात हैं. इसके बाद उन्होंने कहा कि अब तो सरकारें जजों को बदनाम करना शुरू कर चुकी हैं. मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी.
28 फरवरी, 2020 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में निर्देश दिया था कि अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाए. 10 जनवरी, 2022 के एक आदेश में, हाईकोर्ट ने प्राथमिकी को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप प्रथम दृष्टया संभावनाओं पर आधारित हैं और संभावना के आधार पर किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है.