केंद्र ने राज्य सरकारों से सजा पूरी कर चुके कैदियों को रिहा करने को कहा: अजय कुमार मिश्रा

Update: 2022-12-21 14:43 GMT
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से उन कैदियों को रिहा करने के लिए कहा है, जिन्होंने अपनी सजा तो पूरी कर ली है, लेकिन जुर्माना अदा न करने के कारण सलाखों के पीछे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई का मुद्दा उठाने वाले कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमने 15 अगस्त, 2022, 26 जनवरी, 2023 और 15 अगस्त, 2023 के लिए एक विशेष योजना बनाई है, जिसके तहत राज्यों को ऐसे कैदियों को रिहा करने के लिए कहा गया है, जो जुर्माना अदा न करने के कारण सलाखों के पीछे हैं।
अजय मिश्रा ने बताया की कारागार/उनमें बंद व्यक्ति भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची 1 के तहत राज्य सूची का विषय है। इसलिए कारागारों और कैदियों का प्रशासन एवं प्रबंधन संबंधित राज्य सरकारों का उत्तरदायित्व है, जिनकी यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि कैदियों को उनकी सजा पूरी होने पर जेल से रिहा कर दिया जाए तथापि, गृह मंत्रालय समय-समय पर कारागार प्रशासन के विभिन्न पहलुओं के संबंध में एडवाइजरी जारी करके राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता प्रदान करता रहता है।
मंत्री ने बताया कि सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को मॉडल प्रिजन मैनुअल, 2016 परिचालित करना भी इस दिशा में एक ऐसा ही कदम है। इस मैनुअल में सजा के निष्पादन, कारागारों को कंप्यूटरीकृत करना, समय से पूर्व रिहाई आदि के बारे में विशिष्ट अध्याय दिए गए हैं, जो राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। हाल ही में गृह मंत्रालय ने ई- प्रिजन पोर्टल को सु²ढ करने के लिए राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
अजय मिश्रा ने एक लिखित जवाब में जानकारी दी कि ई प्रिजन पोर्टल का उद्देश्य कारागारों के क्रियाकलापों के स्वचालन हेतु आद्योपान्त सूचना प्रौद्योगिकीय (आईटी) समाधान प्रदान करना है, जिसमें नामोदिष्ट प्राधिकारियों के साथ-साथ कैदियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म में कारागार संबंधी रिकॉडों को डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध करवाना शामिल है, ताकि कैदियों की रिहाई की तारीख, पैरोल, मुलाकात की बुकिंग, माफी, शिकायतों का निराकरण आदि संबंधित सूचना उन्हें सीधे उपलब्ध कराई जा सके।
गृह मंत्रालय, जेलों में सूचना प्रौद्योगिकीय इन्फ्रास्ट्रक्च र को सु²ढ़ करने के साथ-साथ कारागारों में सुरक्षा संबंधी आधारभूत संरचना के आधुनिकीकरण के लिए भी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की सहायता करता रहता है, जिसका उद्देश्य प्रभावकारी कारागार प्रशासन में मदद प्रदान करना है। राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की यह जिम्मेदारी है कि वे प्रभावकारी कारागार प्रशासन के संबंध में उन्हें प्रदान की गई सहायता एवं मार्गदर्शन का सर्वाधिक उपयोग करें।
--आईएएनएस
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