राजधानी दिल्ली को आज नया मेयर मिलने की उम्मीद

Update: 2023-02-06 06:06 GMT

दिल्ली न्यूज़: महीनेभर में आज तीसरी बार दिल्ली एमसीडी का मेयर चुनने की कोशिश होगी। इससे पहले 6 जनवरी और 24 जनवरी को हंगामे के कारण मेयर चुनने की दो कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। जानकारों का कहना है कि हालात इस बार भी कमोबेश पहले की तरह ही हैं। पहली बार नोनीत पार्षदों पर हंगामा हुआ था। तब आम आदमी पार्टी का कहना था कि मनोनीत पार्षदों से वोट कराने की कोशिश हो रही है। दूसरी बार पार्षदों की शपथ तो हो गई, लेकिन दोपहर बाद जैसे ही मेयर चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो फिर हंगामा शुरू हुआ। मनोनीत पार्षदों का मामला अब भी बना हुआ है। वहीं बीजेपी के पार्षदों को डर है कि मेयर चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी चेयरमैन का चुनाव नहीं कराएगी।

7 दिसंबर को आए थे नतीजे

एमसीडी के नतीजे 7 दिसंबर को आए थे, जिसमें AAP 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। बीजेपी ने 104 और कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं। पीठासीन अधिकारी ने कहा, चुनाव कराने की पूरी कोशिश पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा का कहना है कि हमारा काम चुनाव कराना है। सदन के अंदर किसी तरह का हंगामा न हो, इसके लिए MCD के अधिकारियों को अगाह किया गया है। अगर परिस्थिति विपरीत होती है, तो चुनाव फिर से स्थगित किया जा सकता है। प्रयास होगा कि चुनाव संपन्न हो जाए।

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि एमसीडी में कुल 12 जोन हैं। जिस जोन में जिस पार्टी की बहुमत होती है, उसी का वॉर्ड कमिटी चेयरमैन होता है। वॉर्ड कमिटी चेयरमैन ही स्थायी समिति चेयरमैन चुनाव के लिए अपने-अपने जोन से एक-एक सदस्य चुनते हैं। वही सदस्य स्थायी समिति चेयरमैन चुनाव में भाग लेते हैं और वोट करते हैं। अब, 12 जोन में से 7 जोन ऐसे हैं, जहां बीजेपी की बहुमत है। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि बीजेपी का ही स्थायी समिति चेयरमैन चुना जाएगा। सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी स्थायी समिति चेयरमैन की कुर्सी अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहती। ऐसे में यह संभव है कि मेयर चुनाव के बाद स्थायी समिति चेयरमैन का चुनाव ही ही टाल दिया जाए। अगर आम आदमी पार्टी ये भरोसा देती है कि स्थायी समिति चेयरमैन का चुनाव होगा, तो मेयर चुनाव को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, ऐसा न होने पर स्थितियां पहले जैसे ही हो सकती हैं।

मनोनित पार्षदों की वोटिंग परस्थितियों पर निर्भर

पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि मनोनित पार्षदों की 6 फरवरी को वोटिंग परस्थितियों पर निर्भर करेगी, लेकिन अभी तक पार्टी से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है। मेयर चुनाव के लिए बीजेपी के पास 104 पार्षदों का मत है। इसके अलावा 7 सांसद और एक एमएलए हैं। कुल मिलाकर बीजेपी के पास 112 वोट हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के पास 150 से अधिक वोट हैं। सत्ता और विपक्ष के मतों मे अंतर काफी है।

वोटिंग लिस्ट पहले से नहीं होती तैयार

मामले में पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा का कहना है कि उनका काम चुनाव कराना है। सदन के अंदर किसी तरह का हंगामा या अन्य किसी भी प्रकार का शोरगुल न हो, इसके लिए उन्होंने एमसीडी अधिकारियों को पहले ही अगाह कर दिया है। अगर परिस्थिति विपरीत होती है, तो ऐसे में फिर चुनाव को स्थगित किया जा सकता है। लेकिन, उनका प्रयास होगा कि चुनाव संपन्न हो। जहां तक मेयर चुनाव के लिए वोटर लिस्ट तैयार करने की बात है, तो यह पहले से तैयार नहीं किया जाता। सदन में जो लोग मौजूद होते हैं, वह वोट कर सकते हैं। पिछली बार आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसी बात को लेकर हंगामा किया था। यह उचित नहीं है।

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