New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज महाराष्ट्र के ठाणे इंटीग्रल रिंग मेट्रो रेल परियोजना गलियारे को मंजूरी दे दी। 29 किलोमीटर लंबा यह गलियारा ठाणे शहर के पश्चिमी हिस्से की परिधि में 22 स्टेशनों के साथ चलेगा। यह नेटवर्क एक तरफ उल्हास नदी और दूसरी तरफ संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान [एसजीएनपी] से घिरा हुआ है। यह कनेक्टिविटी परिवहन का एक टिकाऊ और कुशल तरीका प्रदान करेगी, जिससे शहर को अपनी आर्थिक क्षमता का एहसास होगा और सड़कों पर यातायात की भीड़ कम होगी। इस परियोजना से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने में भी योगदान मिलने की उम्मीद है।
परियोजना की अनुमानित लागत 12,200.10 करोड़ रुपये है, जिसमें भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार की बराबर हिस्सेदारी के साथ-साथ द्विपक्षीय एजेंसियों की ओर से आंशिक वित्त पोषण भी शामिल है। कॉर्पोरेट के लिए स्टेशन के नामकरण और पहुँच अधिकार बेचकर, परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण, वैल्यू कैप्चर फ़ाइनेंसिंग रूट जैसे नवीन वित्तपोषण तरीकों से भी धन जुटाया जाएगा। प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों को जोड़ने वाला यह गलियारा कर्मचारियों के बड़े वर्ग के लिए एक प्रभावी परिवहन विकल्प प्रदान करेगा। परियोजना के 2029 तक पूरा होने की संभावना है।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेट्रो लाइन से हज़ारों दैनिक यात्रियों, विशेषकर छात्रों और हर दिन कार्यालय और कार्य क्षेत्रों में आने-जाने वाले लोगों को तेज़ और अधिक किफायती परिवहन विकल्प प्रदान करके लाभ होगा। इस परियोजना के परिणामस्वरूप वर्ष 2029, 2035 और 2045 के लिए मेट्रो गलियारों पर क्रमशः 6.47 लाख, 7.61 लाख और 8.72 लाख यात्रियों की कुल दैनिक सवारियां होंगी महा-मेट्रो ने बोली-पूर्व गतिविधियाँ और निविदा दस्तावेज तैयार करना शुरू कर दिया है। अनुबंधों को बोली के लिए तुरंत जारी कर दिया जाएगा। (एएनआई)