नई दिल्ली: सोनाली फोगाट के भाई रिंकू ढाका ने दावा किया है कि सुधीर सांगवान और उसका साथी सुखविंदर सिंह केस के कई अहम सबूत मिटा चुके हैं. दोनों ने सोनाली के मोबाइल फोन से छेड़छाड़ की और उसके कमरे से भी कई चीजें गायब कर दीं. दोनों 23 अगस्त की सुबह सोनाली की मौत हो जाने के बाद 25 अगस्त की शाम तक गोवा पुलिस को गुमराह करते रहे. सोनाली के फेसबुक पेज पर वीडियो पोस्ट करके रिंकू ने यह सब कहा.
रिंकू ने कहा कि गोवा पुलिस ने सुधीर और सुखविंदर के खिलाफ 3 दिन बाद हत्या का केस दर्ज किया. अगर गोवा पुलिस 23 अगस्त की सुबह ही सुधीर और सुखविंदर पर एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लेती तो कई अहम सबूत उसके हाथ लग सकते थे. 23 अगस्त की शाम को जब वह अपने जीजा अमन पूनिया के साथ गोवा पहुंचे तो सोनाली का मोबाइल फोन सुधीर के पास था. 12 घंटे तक सुधीर फोन का इस्तेमाल करता रहा.
जब उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई तो गोवा पुलिस के अफसर जवाब नहीं दे पाए. इन 12 घंटों में सुधीर ने सोनाली के मोबाइल से क्या छेड़छाड़ की, इसका पता लगना चाहिए. सोनाली की मौत के बाद गोवा पुलिस ने रिजॉर्ट का वह कमरा भी सील नहीं किया. जहां सोनाली रुकी थी. तीन दिन सुधीर यह कमरा इस्तेमाल करता रहा. इन 3 दिनों में उसने कमरे से क्या-क्या हटाया या गायब किया. इसकी इन्वेस्टिगेशन होनी चाहिए.
सोनाली को सुधीर तांत्रिक के पास भी ले गया था
सोनाली के मुंहबोले भाई ऋषभ बेनीवाल ने बताया है कि सोनाली का विश्वास जीतने के लिए सुधीर उसे एक तांत्रिक के पास भी ले गया था. तांत्रिक को सुधीर ने सोनाली के बारे में पहले ही काफी कुछ बता दिया था. इसलिए जब तांत्रिक ने वही बातें सोनाली को बताईं तो उसे लगा कि तांत्रिक बेहद पहुंचा हुआ है. सुधीर ने उसी तांत्रिक से सोनाली को कहलवाया कि वह अपने आसपास सिर्फ ऐसे इंसान को ही रखे जो उनका विश्वासपात्र हो. सोनाली तब से सुधीर पर और ज्यादा डिपेंड हो गई.
सुधीर का विरोध नहीं कर पाती थी सोनाली
ऋषभ ने कहा कि सोनाली की कई कमजोरी सुधीर के हाथ लग चुकी थी. जिसके कारण वह उसका विरोध नहीं कर पाती थी. सोनाली को उसके परिवार से सुधीर पहले ही दूर कर चुका था. जब उसे लगा कि मैं आवाज उठा सकता हूं तो उसने सोनाली को मुझसे भी बात न करने के लिए कहा. हालांकि जब भी सुधीर आसपास नहीं होता तो सोनाली मुझे फोन करके बात करती थी और अकसर वह रो पड़ती थी.
केस जल्द से जल्द CBI को सौंपा जाए
रिंकू ने कहा कि सुधीर और सुखविंदर तीन दिन तक गोवा पुलिस को गुमराह करते रहे. मेरी बहन की मौत का सच सामने लाने के लिए यह केस जल्द से जल्द CBI को सौंपा जाना चाहिए. हमारा परिवार हरियाणा के CM मनोहर लाल से मिलकर इसकी लिखित मांग कर चुका है. यह मांग केवल उनके परिवार की नहींए बल्कि पूरे आदमपुर हलके और हरियाणा की है.