रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट, साजिश की रिहर्सल या टेरर लिंक?

Update: 2021-12-10 05:46 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी कोर्ट रूम नम्बर 102 में हुए धमाके ने दिल्ली पुलिस और खुफिया एनेजंसियों की नींद उड़ा दी है. स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक कोर्ट में जो ब्लास्ट हुआ वह IED था. IED को स्टील के टिफिन में रख कर बनाया गया था, जिसे एक पुराने काले रंग के बैग में रखा गया था. लेकिन IED ठीक से असेंबल नहीं हो पाई थी. इसी वजह से धमाका लो इंटेनसिटी का ही हुआ.

क्या है मौके पर मिला सफेद रंग का पाउडर?
ब्लास्ट के बाद मौके से पुलिस टीम को लोहे की कील, मोटरसाइकिल के इस्तेमाल होने वाली बैटरी, कांच के टुकड़े और वायर भी मिले हैं. इसके अलावा काफी मात्रा में सफेद रंग पाउडर बिखरा हुआ था. देखने में ये पाउडर अमोनियम नाइट्रेट जैसा लग रहा है. मौके पर जांच के लिए पहुंची NSG और फोरेंसिक की टीम ने सफेद पाउडर का सैंपल जांच के लिए ले लिया है. जांच के बाद ही पता चलेगा की क्या ये विस्फोटक था या और कुछ? ब्लास्ट के बाद कोर्ट रूम में बैठा दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल राजीव मामूली रूप से घायल हुआ है. आज तक/इंडिया टुडे के पास घायल पुलिस वाले की तस्वीरें हैं. चोट का निशान देखने पर पता चलता है है की बम में इस्तेमाल किए गए कील और कांच के टुकड़े उसके शरीर में जा लगे जिस से वो घायल हुआ है.
ठीक से सेट होता IED तो होता बड़ा धमाका
सूत्रों के मुताबिक आईईडी में पेंसिल नुमा डेटोनेटर होता है. डेटोनेटर पहले फटता है उसके बाद आईईडी में इस्तेमाल बारूद में विस्फोट होता है. चूंकि आईईडी ठीक से असेंबल नहीं था लिहाजा डेटोनेटर तो फटा लेकिन बारूद के विस्फोट नहीं हुआ. बता दें कि इसी साल रोहिणी कोर्ट रूम में शूटआउट हुआ था और शूटर वकील के ड्रेस में दाखिल हुए थे. शूटर कार से आए और सीधा पार्किंग में चले गए थे हैरानी की बात है की इस दौरान वो किसी भी सीसीटीवी फुटेज के कैद नहीं हुए. कोर्ट परिसर में गेट के अलावा कहीं भी सीसीटीवी नहीं लगा है. ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस की दर्जन भर टीमों ने कोर्ट और उसके आस पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल डाले लेकिन अभी तक कोई संदिग्ध दिखाई नहीं दिया जो विस्फोटक लेकर कोर्ट के अंदर जाता हुआ दिखाई दे रहा हो.
कोर्ट में पहले भी होते रहे हैं धमाके
साल 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट के गेट नंबर-7 के बाहर कार के नीचे बम रखा गया था. इसमें जोरदार धमाका हुआ था और कई लोग घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस ने उसे आतंकी हमला बताया था और जांच एनआईए को दी गई थी. इसके अलावा साल 2007 में उत्तर प्रदेश, जयपुर की अदालतों को इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने निशाना बनाया था और सिलसिलेवार धमाके किए थे. रोहिणी कोर्ट में हुए ब्लास्ट के मामले में Explosive Substances Act के तहत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने एफआईआर दर्ज की है, चूंकि इस मामले में एक शख्स मामूली तौर पर घायल हुआ है लिहाजा IPC के सेक्शन भी एड किए गए हैं.


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