बलिदान दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में याद किये गए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव
नई दिल्ली: शहीद ए आजम भगत सिंह , शिवराम राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर "भारत समृद्धि एवं शारदा ग्रुप ऑफ इस्टीच्युसन" के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में शहीदों का स्मरण किया गया और शहीदों के सपनों का भारत निर्माण करने में छात्रों की भूमिका की चर्चा हुई। शारदा ग्रुप ऑफ इस्टीच्युसन में आयोजित संगोष्ठी "शहीदों के सपनों का भारत" में मुख्य वक्ता ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे रहे। संगोष्ठी को शारदा ग्रुप ऑफ इस्टीच्युसन के निदेशक प्रो विवेक मिश्र, भारत समृद्धि के त्रिवेणी मिश्र ने मुख्यतया संबोधित किया ।संगोष्ठी का संचालन सर्वजनहिताय संरक्षण समिति की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने किया।शारदा ग्रुप ऑफ इस्टीच्युसन के निदेशक प्रो विवेक मिश्र ने अतिथियों के साथ शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की तथा संगोष्ठी की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि आज का युवा बारूद का वह विस्फोट है जोआने वालें समय में देश के भविष्य की दशा और दिशा निर्धारित करेगा अतः आवश्यक है कि क्रांतिकारियों के बलिदान से हमारा प्रत्येक युवा प्रेरणा ले।
मुख्य वक्ता शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि भगत सिंह के स्मरण का अर्थ है हर क्षेत्र , हर दल और विचार में घुसी जातीय विद्रूपताओं व् संकीर्णताओं को अपने व्यवहार से ख़त्म करे , दहेज़ , कन्या भ्रूण ह्त्या , स्त्री अपमान , अंध विश्वास भगत सिंह की क्रांतिकारी ज्वालाओं में भस्म हों तभी उनका स्मरण सार्थक होगा | उन्होंने कहा जहाँ भी अन्याय, जुल्म और अनाचार है उसके खिलाफ उठने वाली हर आवाज भगत सिंह है। आज के युवा को अपनी कमर कसके न्याय सत्य निष्ठा और समाज हित में कार्य करना चाहिए। शैलेंद्र दुबे ने बताया कि भगत सिंह के शब्दों में आज भी युद्ध छिड़ा हुआ है और यह युद्ध तब तक चलता रहेगा जब तक कि शक्तिशाली व्यक्ति भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर एकाधिकार जमाये रखेंगे फ़िर चाहे ऐसे व्यक्ति अंग्रेज पूंजीपति हों या सर्वथा भारतीय पूंजीपति | भगत सिंह अक्सर कहां करते थे कि अन्याय के खिलाफ यह युद्ध न तो हमने प्रारम्भ किया है और न यह हमारे जीवन के साथ समाप्त होगा | आज के परिपेक्ष में देखें तो अंग्रेज तो देश से चले गए पर उनके स्थान पर बड़े-बड़े पूंजीपतियो के हाथ में सुविधाओं ,संसाधनों और अवसरों का एक अधिकार होता जा रहा है ।जाने अनजाने आज भी देश की अधिकांश जनता दूसरों के रहमों करम पर अपना जीवन व्यतीत कर रही है। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कन्या भ्रूण हत्या ,दहेज हत्या , ग़रीबी वैश्वीकरण के इस युग में अपना फन फैलाकर गाहे बगाहे हम सबके सामने आ जाती है।
संगोष्ठी में रीना त्रिपाठी ने कहा की युवाओं का भविष्य तभी उनके हाथों में सुरक्षित रह सकता है जब वह अपने जीवन में हर प्रकार के नशे से दूर रहें। आज के समय में होली और दीपावली नशे के स्टेटस सिंबल बनते जा रहे हैं हमारे युवा बुरी ताकतों के चंगुल में फंसकर नशे को फैशन समझने लगे हैं और जब होली में दुर्घटनाओं का ग्राफ देखा जाता है तो ज्यादातर युवा ही नशे में पड़ कर छेड़छाड़, दुर्घटना ,जुए आदि में फस जाते हैं। गुटका ,पान, मसाला ,तंबाकू ,तंबाकू से बने हुए अन्य उत्पाद देशी से लेकर विदेशी तक शराब बड़े-बड़े विज्ञापनों के माध्यम से छात्रों के बीच पहुंच रहे हैं ।आज जरूरी है छात्र आत्म संकल्पित होकर नशे के चंगुल में फंसने से बचें और त्योहार नशा मुक्त बनाए ।परिवार देश और समाज तभी उन्नति कर सकता है जब हमारे युवा सुरक्षित रहें। शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है जब युवा पढ़ा लिखा मानसिक और शारीरिक रुप से सभी विकृतियों से दूर रहे और अपना संपूर्ण योगदान परिवार समाज और देश को प्रदान करें। इस अवसर पर श्री शारदा ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट में छात्रों को नशा मुक्ति का संकल्प रीना त्रिपाठी द्वारा दिलाकर होली को नशा मुक्ति मनाने का प्रण लिया| संगोष्ठी में शारदा ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के सभी छात्र-छात्राएं शिक्षक मैनेजमेंट स्टाफ तथा प्रो डी के अवस्थी , त्रिवेणी मिश्रा,खुरदही बाजार व्यापार मंडल से राजू शुक्ला , लालू यादव दिनेश, तथा रोहित मिश्रा ,महेंद्र यादव की गरिमा में उपस्थिति रही।