पिछले कई दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर के पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का हड़ताल और प्रदर्शन चल रहा है। मंगलवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने न्यूनतम मजदूरी न मिलने की मांग पर सीएम केजरीवाल के घर के निकट सिविल लाइंस में विरोध मार्च निकाला। दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन एंड हेल्पर यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में 22 हजार से ज्यादा वर्कर और हेल्पर काम कर रही हैं। उनको मिलने वाला मानदेय न्यूनतम रोजगार भत्ता के अंतर्गत भी नहीं है। दिहाड़ी मजदूरों को भी इससे ज्यादा मानदेय मिलता है। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों, गर्भवती महिलाओं की देखरेख, पोषण, स्वास्थ्य के लिए काम करनेवालों को काफी कम मानदेय दिया जाता है। उन्होंने बताया कि साल 2017 में हड़ताल के बाद वर्कर और हेल्पर का मानदेय थोड़ा बढ़ा था। धरने पर बैठे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग है कि वर्कर का मानदेय कम से कम 25 हजार और हेल्पर का 20,000 होना चाहिए। महिलाओं को बढ़ती महंगाई और कोरोना के चलते आई आर्थिक समस्याओं से कुछ निजात दिलाया जाए।