अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- चुनौतीपूर्ण स्थितियों के कारण अस्थाना को बनाया गया दिल्‍ली का पुलिस प्रमुख

एएनआइ। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कानून-व्यवस्था, पुलिसिंग व राष्ट्रीय सुरक्षा के क्रियान्वयन से जुड़ी 'बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियों' के मद्देनजर भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का आयुक्त बनाया गया।

Update: 2022-01-05 18:40 GMT

एएनआइ। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कानून-व्यवस्था, पुलिसिंग व राष्ट्रीय सुरक्षा के क्रियान्वयन से जुड़ी 'बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियों' के मद्देनजर भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का आयुक्त बनाया गया। गृह मंत्रालय ने शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे में कहा कि अस्थाना को 'जनहित के विशेष मामले' के तहत दिल्ली पुलिस का आयुक्त नियुक्त किया गया।

गैर सरकारी संगठन सीपीआइएल ने दिल्ली पुलिस प्रमुख के रूप में अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 अक्टूबर, 2021 को अस्थाना की नियुक्ति को बरकरार रखा था।
सीपीआइएल ने इस फैसले को अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 1984 बैच के गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी अस्थाना को 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने से चार दिन पहले दिल्ली पुलिस का आयुक्त नियुक्त किया गया था।
हलफनामे में केंद्र ने कहा कि इसी प्रक्रिया के तहत दिल्ली में आठ पुलिस आयुक्त नियुक्त किए जा चुके हैं और याचिकाकर्ता ने किसी पर आपत्ति नहीं जताई। केंद्र ने याचिकाकर्ता पर अस्थाना से व्यक्तिगत वैमनस्य रखने का आरोप लगाया।
सरकार ने कहा, 'राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण दिल्ली की जरूरतें विशिष्ट और असाधारण होती हैं, जहां की बेहद चुनौतीपूर्ण कानून-व्यवस्था, दंगा और अन्य आपराधिक घटनाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव छोड़ती हैं। ऐसे में जरूरी था कि उसी व्यक्ति को दिल्ली पुलिस का प्रमुख बनाया जाए, जिसके पास बड़े राज्य के पुलिस बल, केंद्रीय जांच एजेंसी या सुरक्षा बल का नेतृत्व करने का अनुभव हो।' केंद्र ने याचिका को खारिज करने की मांग की है।
अस्थाना ने अलग से हलफनामा दाखिल करते हुए आरोप लगाया है कि याचिकाकर्ता एनजीओ और प्रशांत भूषण उनसे व्यक्तिगत वैमनस्य रखते हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है


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