सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद दिल्ली पुलिस ने बनाया स्पेशल सेल, गैंगस्टरों की अब खैर नही

Update: 2022-06-06 06:18 GMT

दिल्ली न्यूज़ स्पेशल: पंजाब में कांग्रेस नेता और गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से दिल्ली के गैंगस्टर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। स्पेशल सेल से लेकर एनआईए हो या अन्य राज्यों की पुलिस, हर बड़े हत्याकांड, कांट्रेक्ट किलिंग की सुई आखिरकार दिल्ली के गैंगस्टरों पर आकर रुक जाती है। हालांकि उसके बाद भी दिल्ली पुलिस का दावा है कि राजधानी दिल्ली में एक भी संगठित गैंग सक्रिय नहीं है और उनके अधिकांश मुखिया जेलों में बंद हैं। लेकिन उसके बाद भी ये गैंगस्टर जेलों से अपने नेटवर्क को बखूबी चलाते हैं और किडनैपिंग, कांटे्रक्ट किलिंग, रंगदारी वसूली, सटटा, ड्रग्स, जमीन कब्जाने जैसे अपराधों को अंजाम देते हैं। इन्हीं सवालों के जवाब खोजने के लिए गृह मंत्रालय की पहल पर एक बार फिर से दिल्ली की स्पेशल सेल ने नया चक्रव्यूह बनाया है, जिसके तहत दावा है कि जल्द ही राजधानी से गैंगस्टरों का खात्मा और साथ ही उनके नेटवर्क को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। कैसे होगा खात्मा और कौन हैं। दिल्ली के टॉप गैंगस्टर और कैसे अपने नेटवर्क को ये बखूबी चलाते हैं, इसी पर नवोदय टाइम्स के लिए संजीव यादव की विशेष रिपोर्ट.

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद तिहाड़ जेल की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं। जहा पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, यूपी और मध्य प्रदेश में बड़े गैंगवार की आशंका है। वहीं ये भी आंशका है कि अब इन गैंगस्टरों का इस्तेमाल आतंकी संगठन भी कर सकते हैं। इस संंबंध में गृह मंत्रालय ने 2 मई को पंजाब दिल्ली समेत कई राज्यों को गैंगस्टरों की कुंडली निकालने और उन पर सख्त कार्रवाई के लिए कहा है। इसी के चलते पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के नेतृत्व में स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके तहत स्पेशल सेल एक बार फिर से गैंगस्टरों की धरपकड़ और उनकी कुंडली समेत नेटवर्क को खंगालने में लग गई है।

स्पेशल सेल का बढ़ा दायरा: दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच को आतंक निरोधक स्पेशल सेल की तर्ज पर हर तरह से अपग्रेड किया जा रहा है। सबसे बड़ा फैसला ये है कि स्पेशल ब्रांच अब मोबाइल फोनों को सर्विलांस पर लगा सकेगी। यानी स्पेशल ब्रांच के पास कॉलिंग मॉनिटरिंग सिस्टम(सीएमएस) की सुविधा होगी। स्पेशल ब्रांच अब आधुनिक तरीके से खुफिया जानकारी एकत्रित करेगी, वहीं आतंकी व बदमाशों को भी पकड़ सकेगी। पुलिस आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी आदेश के तहत स्पेशल ब्रांच में अब दो नई यूनिट काउंटर इंटेलीजेंस सेल (सीआईएस) और इंटेलीजेंस फ्यूजन एण्ड स्ट्रेटीजिक ऑपेरशन (आईएफएसओ) बनाई गई है। सीआईसी वही काम करेगी, जो स्पेशल सेल करती है और आईएफएसओ साइपैड आईएफएसओ वाला काम करेगी। सीआईसी को मोबाइल को सर्विलांस पर लगाने का अधिकारी होगा, साथ ही उसके पास आधुनिक उपकरण व साफ्टवेयर होंगे।

अभी तक स्पेशल ब्रांच दिल्ली पुलिस के लिए बिना मोबाइल सर्विलांस व आधुनिक उपकरणों के लिए खुफिया जानकारी एकत्रित करती थी। इस कारण दिल्ली पुलिस का खुफिया तंत्र हमेशा फेल हो जाता था। मगर अब सीआईसी खुफिया जानकारी के साथ-साथ आतंकी व बदमाशों को पकड़ सकेगी। राकेश अस्थाना ने इंटेलिजेस यूनिट को मजबूत करने के लिए पहले से ही 5 आईपीएस की नियुक्ति की है ताकि कार्यों के बंटवारे और नेटवर्क को मजबूत किया जाए। इसके अलावा स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस, स्पेशल सेल, साइबर यूनिट व अपराध शाखा से करीब 200 इंस्पेक्टरों को स्पेशल ब्रांच में तैनात किया जाएगा।

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