नोएडा के कैलाश अस्पताल में महिला की मौत के बाद परिवार ने किया जमकर हंगामा
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा के सेक्टर-27 स्थित कैलाश अस्पताल में मंगलवार की सुबह एक महिला की मौत हो गई है। महिला को ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती किया गया था। परिजनों का आरोप है कि वहां डॉक्टरों ने लापरवाही बरती और गलत ऑपरेशन कर दिया। जिसकी वजह से महिला की हालत बिगड़ गई। उसे नोएडा कैलाश अस्पताल रेफर किया गया। वहां महिला की मौत हो गई है। परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा काटा है। कैलाश अस्पताल के संस्थापक और गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा को मौके पर आना पड़ा। खूब नोकझोंक हुई। अस्पताल के बाहर परिवार के सदस्यों रिश्तेदारों ने नारेबाजी की।
क्या है मामला: महिला रिश्तेदार सुरेश ने बताया है, "मेरी बहन बबीता अपने दो बच्चों के साथ ग्रेटर नोएडा के सेक्टर अल्फा वन में रहती थीं। बीते 16 अक्टूबर को अचानक उनके पेट में दर्द हुआ। बच्चे उन्हें ग्रेटर नोएडा कैलाश अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें अपेंडिक्स का दर्द है। इसके लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। बबीता का ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद उसकी हालत सुधरने की बजाय और तेजी से बिगड़ती चली गई। इसके बाद इन लोगों ने मेरी बहन को 21 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा कैलाश अस्पताल से नोएडा के कैलाश अस्पताल रेफर कर दिया। पिछले 5 दिनों से नोएडा कैलाश अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। अब मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गई है।"
धरने पर बैठा परिवार, सांसद को पहुंचना पड़ा: बबीता की मौत के बारे में जानकारी मिलते ही परिवार के लोग बेहाल हो गए। परिवार के सदस्य और रिश्तेदार नोएडा सेक्टर-27 में स्थित कैलाश अस्पताल पहुंचे। इन लोगों ने आरोप लगाया कि कैलाश अस्पताल के डॉक्टरों ने गलत ऑपरेशन किया है। जिसकी वजह से महिला की मौत हुई है। परिवार के लोग कैलाश अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए। इन लोगों ने जमकर हंगामा काटा। कैलाश अस्पताल और गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सांसद डॉ.महेश शर्मा तुरंत अस्पताल पहुंचे। इस दौरान वीडियो बनाने को लेकर परिजनों और डॉक्टर महेश शर्मा के समर्थकों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। डॉ.महेश शर्मा ने परिजनों को बताया कि बबीता के पेट में क्या समस्या थी? किस तरह ऑपरेशन किया गया और किस परेशानी की वजह से उसकी मौत हुई है? इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अंततः किसी तरह मामले को सुलझा लिया गया है।"
इन सवालों के जवाब आम आदमी को चाहिएं:
1. ऐसे मामलों में पोस्टमार्टम और एफआईआर से क्यों बचता है कैलाश अस्पताल : कैलाश अस्पताल में किसी मरीज की मौत और परिवार की ओर से डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप कोई पहली बार नहीं लगा है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। कुल मिलाकर सवाल यह खड़ा होता है कि अगर कैलाश अस्पताल और उसके डॉक्टर उपचार में गलती नहीं करते हैं तो इस तरह के मामलों में एफआईआर और पोस्टमार्टम करवाने की बजाय आनन-फानन में मामले को खत्म करके अंतिम संस्कार तक क्यों पहुंचा देते हैं?
2. अगर जान को खतरा है तो भीड़ के बीच विवाद सुलझाने क्यों घुस जाते हैं सांसद : खास बात यह है कि कैलाश अस्पताल में इस तरह का कोई विवाद होते ही गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा अपनी सिक्योरिटी और भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं को लेकर अस्पताल पहुंच जाते हैं। इसके बाद मान-मनोवल का दौर शुरू होता है। शहर का आम आदमी यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या डॉक्टर महेश शर्मा अपने अस्पतालों से जुड़े विवादित प्रकरणों को काबू करने के लिए ही आम टैक्स के लाखों रुपये अपनी सुरक्षा के नाम पर हर महीने बर्बाद कर रहे हैं। आपको बता दें कि सांसद की सिक्योरिटी में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। इतना ही नहीं वह बुलेट प्रूफ कार में चलते हैं।
3. सांसद कैलाश अस्पताल के बोर्ड में नहीं तो विवादों में दखल देने का क्या औचित्य : यह सभी जानते हैं कि सांसद डॉ.महेश शर्मा कैलाश अस्पताल समूह के संस्थापक हैं। सांसद और केंद्र में मंत्री बनते ही वह कैलाश अस्पताल के बोर्ड से अलग हो गए थे। दस्तावेजों को भी छोड़ दें तो यह बात खुद सांसद सार्वजनिक रूप से लगातार कहते रहते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब डॉक्टर महेश शर्मा कैलाश अस्पताल के कंपनी बोर्ड में नहीं हैं तो इस तरह के मामलों को सुलझाने के लिए वह सामने क्यों आते हैं? उनके सामने आने की वजह से ही कैलाश अस्पताल से जुड़ा मामला संवेदनशील और महत्वपूर्ण हो जाता है। वह अभी गौतमबुद्ध नगर के सांसद हैं और नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में तीन-तीन मंत्रालयों में मंत्री रहे थे। अभी भारतीय जनता पार्टी के संगठन में त्रिपुरा प्रांत के प्रभारी जैसी बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
विवाद खत्म हुआ, शव को अंतिम संस्कार करने ले गया परिवार: मंगलवार की सुबह बबीता नाम की महिला की मौत के बाद हुए हंगामे और इसके समापन को लेकर कैलाश अस्पताल समूह की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है। दूसरी ओर बबीता के परिजन शव को लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंच गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सांसद डॉ.महेश शर्मा ने बबीता के रिश्तेदारों से एकांत में बैठकर बातचीत की है। इसी दौरान यह मामला निपटाया गया है। हालांकि, विवाद का समाधान कैसे हुआ? इस बारे में अभी तक दोनों पक्षों की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है।