कार्रवाई : NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को कारण बताओ नोटिस
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की परेशानियां अब बढ़ती नजर आ रही हैं.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की परेशानियां अब बढ़ती नजर आ रही हैं. नवी मुंबई के वासी परिसर में सद्गुरु बार और रेस्टोरेंट के लाइसेंस के मामले में अब कोकण एक्ससाइज डिपार्टमेंट ने वानखेड़े के नाम पर नोटिस जारी किया है.
कोकण एक्ससाइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि यह लाइसेंस समीर वानखेड़े के नाम पर 27 अक्टूबर वर्ष 1997 को जारी किया गया था. हालिया विवाद के विवाद जब एक्ससाइज डिपार्टमेंट ने मामले में छानबीन की, तब उन्होंने पाया कि लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय समीर वानखेड़े ने कागजातों में अपनी उम्र का जिक्र नहीं किया था. इस संबंध में नोटिस जारी कर वानखेड़े से 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है.
राज्य आबकारी विभाग के एसपी नीलेश सांगड़े के अनुसार, बॉम्बे प्रोअबिशन एक्ट की धारा 54 (1) के तहत, एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को उनकी उम्र साबित करने वाले दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.
उम्र पर फंसा पेंच
समीर के पिता वानखेड़े इस संबंध में पहले ही कह चुके हैं कि अगर एक्ससाइज डिपार्टमेंट लाइसेंस रद्द करता, तब उसे हमारे लाखों पैसे वापस करना चाहिए, जो हमने पिछले कई सालों में बतौर शुल्क जमा किए हैं. उन्होंने कहा कि वह इसको लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार, लाइसेंस के लिए आवदेन करते समय समीर वानखेड़े की आयु 17 साल 10 माह थी जबकि एक्ससाइज डिपार्टमेंट का कहना है कि 21 साल की उम्र लाइसेंस जारी किया जाता है.
वानखेड़े पर लग चुके भ्रष्टाचार के आरोप
बता दें कि इससे पहले समीर वानखेड़े पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. ये आरोप क्रूज केस के एक स्वतंत्र गवाह ने ही लगाए थे. किरण गोसावी के बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सैल ने दावा किया था कि शाहरुख खान के बेटे को छोड़ने के लिए 25 करोड़ की डील पर बात हो रही थी और आखिर में 18 करोड़ में डील फाइनल हुई थी, जिसमें से 8 करोड़ रुपए समीर वानखेड़े को मिलने थे. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने समीर वानखेड़े पर लगाए गए महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों को 'आधारहीन' और 'शरारतपूर्ण' करार दिया था, और कहा कि एक ऐसे दलित अधिकारी को निशाना बनाना सही नहीं है जो अच्छा काम कर रहा है.