एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा के सेक्टर-137 में स्थित सुपरटेक इकोसिटी में बड़ा हादसा बाल-बाल बचा है। यहां हाईराइज टावर से प्लास्टर का बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा। नीचे कारों पर यह निर्माण सामग्री गिरी। जिससे कई कार क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सोसाइटी के निवासियों का कहना है, "गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था। यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की वारदात हो चुकी हैं। बिल्डर से शिकायत की जाती है, कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। दूसरी तरफ नोएडा अथॉरिटी भी इस घटिया निर्माण पर ध्यान नहीं दे रही है।"
कंस्ट्रक्शन ऑडिट करवाने की मांग: हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने कहा, "हमारे यहां बेहद घटिया निर्माण बिल्डर ने किया है। कई बार कंस्ट्रक्शन ऑडिट करवाने की मांग की जा चुकी है। इसके लिए नोएडा अथॉरिटी को लिखित में आवेदन भी भेजे गए हैं। पिछले दिनों पता चला था कि नोएडा प्राधिकरण ने सभी इमारतों का ऑडिट करवाने का फैसला लिया है, लेकिन उस पर कार्यवाही कितनी आगे बढ़ी, इस बारे में अब तक कोई अपडेट नहीं मिला है। दूसरी और हमारे यहां इस तरह के हादसे लगातार हो रहे हैं। बरसात के दिनों में तो लोग दहशतजदा रहते हैं।"
बस जान बच गई: सोसायटी के रहने वाले उत्तम चंद ने कहा, "हाईराइज टावर के नीचे ही पार्किंग है। वहां वाहन खड़े रहते हैं। ऊपर से प्लास्टर गिरने की घटनाएं सामान्य हैं। जिसके चलते वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। साथ ही निवासियों के चपेट में आने का खतरा बना रहता है। गुरुवार को यह बड़ा हादसा हुआ है। अचानक एक हाईराइज टावर से प्लास्टर का बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा। यह सीधे नीचे खड़ी कारों पर आकर गिरा। कार की हालत देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर कोई व्यक्ति यहां खड़ा होता तो उसकी क्या हालत हो जाती? एक बार फिर बिल्डर से शिकायत की गई है। अभी तक बिल्डर की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।"
घरों में भी होते हैं ऐसे हादसे: हाउसिंग सोसायटी में रहने वाली अनीता सिंह ने कहा, "जिस तरह निर्माण सामग्री उखड़ कर गिर जाती है, उससे चपेट में आने का डर लगा रहता है। लोगों के फ्लैट्स में भीतर भी छतों से इसी तरह प्लास्टर उखड़ कर गिरता है। दीवारों का बुरा हाल है। अभी सोसाइटी को बने 10 साल भी पूरे नहीं हुए हैं। अभी से यह हालात हैं तो 10-15 वर्ष बीतने के बाद क्या हालात होंगे? एक तरफ बिल्डर ने हम लोगों को ठगा है तो दूसरी तरफ अथॉरिटी कोई बात सुनने के लिए तैयार नहीं है।