कश्मीर में टारगेट किलिंग के खिलाफ आज जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी का विरोध प्रदर्शन, सीएम केजरीवाल रैली को करेंगे संबोधित
कश्मीर में एक बार फिर से शुरू हुए टारगेट किलिंग के मामलों ने लोगों के बीच दहशत पैदा कर दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कश्मीर में एक बार फिर से शुरू हुए टारगेट किलिंग के मामलों ने लोगों के बीच दहशत पैदा कर दी है। इसके विरोध में देश भर में जगह जगह आवाज उठाई जा रही है। इसी बीच रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी जन आक्रोश रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन करेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी रैली को संबोधित करने के लिए प्रदर्शन स्थल पहुंचेंगे।
शनिवार को भी कश्मीरी पंडितों ने किया था प्रदर्शन
मालूम हो कि बढ़ते टारगेट किलिंग के मामलों के खिलाफ शनिवार को भी कश्मीरी पंडितों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था। सभी प्रदर्शनकारी दिल्ली के रहने वाले थे। इन लोगों ने एक दिन का अनशन भी किया था। आतंकी कार्रवाईयों की निंदा करते हुए कश्मीरी पंडितों ने कहा था कि कश्मीर में इस वक्त हिंदुओं और गैर कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने मांग की थी कि उनके बच्चों को या तो सरकार सुरक्षा मुहैया कराए। या फिर, उनको जम्मू या दूसरी किसी सुरक्षित जगह पर भेज दे। जंतर मंतर पर एकत्रित कश्मीरी पंडितों का कहना था कि कश्मीर के इस्लामीकरण को रोकने की जरूरत है। प्रदर्शनकारियों ने पूरे देश में अपने खिलाफ हो रहे अन्याय के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की बात भी कही।
'कश्मीर फाइल्स के जरिए सच्चाई सामने आने से बौखलाए हुए हैं आतंकी'
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कश्मीर फाइल्स के जरिए जब से 1990 के आतंक की सच्चाई देश व दुनिया के सामाने उजागर हुई है, उसके बाद से आतंकी बौखलाए हुए हैं। दोबारा से अपनी ताकत हासिल करने के लिए वह कश्मीरी पंडितों को निशाना बना रहे हैं। प्रदर्शनकारी राजेश कुमार ने बताया था कि आतंकियों को परेशानी सच से हुई है। फिल्म बनाना व दिखाना गलत नहीं था, इससे 1990 के दशक का सत्य सबके सामने आ गया है। सच्चाई को बाहर लाकर गलती नहीं हुई है। लेकिन आतंकियों को परेशानी इसी बात से हो रही है। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
फिर से बन गए हैं 90 के हालात
कश्मीरी पंडित एस के गुंजन ने बताया कि आज फिर से 90 के हालात बन गए हैं। गुंजन के छोटे भाई को उस वक्त आतंकवादियों ने मार दिया था। वह उस वक्त कश्मीर में काम करते थे। उन्होंने बताया कि आज भी वैसे ही हालात हैं। सरकार को चाहिए कि कैसे भी करके जो भी हिंदू और गैर कश्मीरी कश्मीर में काम कर रहे हैं उन को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार ने कुछ गलतियां भी की हैं।कश्मीर एक अलग तरह का स्टेट है। 370 हटाने के बाद तो सरकार ने अब तक बहुत सख्ती की थी लेकिन फिर ढील दे दी। मौजूदा हिंसा ढील देने का भी नतीजा है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आतंकी कश्मीर का तालिबानीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। आतंकी अपनी जेब में पिस्तौल लिए हुए हैं। वह कश्मीरी हिंदुओं को मारने के लिए एक हिट लिस्ट बना रहे हैं। इस तरह से कश्मीरी हिंदुओं की हत्या बंद होनी चाहिए। यह पुराने दिनों की वापसी है।