रंजित नगर इलाके में एक छह वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती रणजीत नगर दुष्कर्म पीड़िता मासूम की सेहत में बेशक धीरे-धीरे सुधार आ रहा है, लेकिन 72 घंटे बाद भी वह मानसिक आघात से उबर नहीं सकी है।
जनता से रिस्ता वेबडेसक | राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती रणजीत नगर दुष्कर्म पीड़िता मासूम की सेहत में बेशक धीरे-धीरे सुधार आ रहा है, लेकिन 72 घंटे बाद भी वह मानसिक आघात से उबर नहीं सकी है। दिन का उजाला हो, रात का अंधेरा, उसकी चीखें हर उस शख्स को अपने दर्द का हिस्सा बना रही हैं, जो जाने अनजाने अस्पताल के जनरल वार्ड से गुजर रहा होता है। चिकित्सकों का कहना है कि अभी यह बता पाना मुमकिन नहीं कि वह सामान्य कब हो सकेगी। मासूम के दिमाग पर इतना गहरा असर पड़ा है कि संभव है कि इसमें लंबा वक्त लग जाए। दरअसल, शुक्रवार को रंजित नगर इलाके में एक छह वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। वह इस वक्त राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती है। दुष्कर्म की शिकार बच्ची की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन मानसिक आघात से वह उबर नहीं सकी है। वह अभी भी सदमे में है।
हर मिनट चीखती है। अपने दर्द को शब्दों में भी बयां न कर पाने वाली यह मासूम असहनीय पीड़ा और खौफ का सामना कर रही है। हालात इस कदर हैं कि आसपास वार्ड में भर्ती मरीज, डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और तीमारदार हर कोई बच्ची के लिए भगवान से इंसाफ मांग रहा है।
ऑपरेशन के बाद एक दिन आईसीयू निगरानी और फिर सामान्य वार्ड में पहुंची बच्ची को लेकर एक डॉक्टर ने यहां तक कहा कि बच्ची के दिल-दिमाग पर वह घटना इस तरह हावी है कि उसे ठीक होने में लंबा वक्त लग सकता है।
उन्होंने बताया, 'जब भी मैं ऐसे मामले देखता हूं तो गुस्सा और दुख दोनों ही रहता है। उस बच्ची का जीवन अभी शुरू भी नहीं हुआ है और उसे ऐसे दर्द से सामना कर रहा है जिसका अंत कब हो पाएगा, इसका जबाव चिकित्सीय विज्ञान के पास नहीं है। हम चाहकर भी उसे सामान्य जिंदगी नहीं दे सकते, जब तक वह या उसका परिवार न संभाल ले।
पास के ही वार्ड में अपने पति का इलाज करा रहीं सविता ने बताया कि शनिवार और रविवार दो दिन से वह लगातार बच्ची की चीखें सुन रहीं हैं। पहले उन्हें नहीं पता था लेकिन एक नर्स से पता चला तो उसकी हर चीख रोंगटे खड़ा कर देती है। भगवान ऐसा किसी के साथ न करे, बच्चों के साथ तो बिलकुल भी नहीं।
मुझे नहीं पता कि यह सब कैसे और किसने किया है? लेकिन जिसने भी यह अपराध किया है उसे सरेआम फांसी होनी ही चाहिए।
वहीं नीचे की मंजिल पर स्थित एक वार्ड में भर्ती मरीज सुरेश ने तो यहां तक कहा कि दिल्ली ऐसे घिनौने अपराध का अड्डा बनता जा रहा है, पुलिस को एक मजबूत संदेश देना चाहिए। लोगों में डर होना चाहिए। उस बच्ची के दर्द के आगे उन्हें अपना भी दर्द महसूस नहीं हो रहा है।