जरा सी लापरवाही और बढ़ते हादसे... एक्सप्रेसवे-हाईवे पर भटका रहे नेविगेशन बोर्ड, बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान

मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर जरा सी लापरवाही सफर में खलल डाल रही है।

Update: 2022-07-31 02:48 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर जरा सी लापरवाही सफर में खलल डाल रही है। नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सही जगह दिशा सूचक बोर्ड नहीं लगे होने से वाहन चालक भ्रमिक हो रहे हैं। अक्सर वाहन चालक भटककर गलत लेन में पहुंच जाते हैं। इस कारण एक्सप्रेसवे और हाईवे पर हादसे भी बढ़ रहे हैं।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण चार खंड में कराया गया। पहला खंड अक्षरधाम से यूपी गेट तक है। दूसरा खंड यूपी गेट से डासना है। डासना से हापुड़ तीसरा और डासना से मेरठ चौथा खंड है। छह लेन के एक्सप्रेसवे के साथ चार-चार लेन नेशनल हाईवे-9 की है। एक्सप्रेसवे और हाईवे की लेन के बारे में चालकों को जानकारी नहीं है क्योंकि दोनों एकदम सटे हैं। सबसे ज्यादा भ्रम खंड-दो पर है। हाईवे की लेन से वाहन कब एक्सप्रेसवे पर आ जाए, पता नहीं चल पाता। काफी दूर चलने के बाद वाहन चालकों को रास्ता भटकने का आभास होता है। ऐेसे में चालक गलत दिशा में लौटते हैं तो वह हादसे का शिकार हो रहे हैं। दूसरे राज्य या जिले से आने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है। सभी जगह बोर्ड नहीं होने से वह रास्ता भटक रहे हैं।
यहां धीमे चलें
दिल्ली की तरफ से एक्सप्रेसवे की लेन में आने वाले वाहन जिन्हें हापुड़, मुरादाबाद एवं बरेली जाना है तो उन्हें डासना आईएमएस कॉलेज के सामने टोल बूथ पर वाहनों की गति धीमी करनी होगी। क्योंकि यह काफी भ्रमित करने वाला प्वाइंट है। यहां सावधानी नहीं बरती तो सीधे मेरठ की तरफ निकल जाएंगे। इस प्वाइंट पर साइड से निकलकर हापुड़ की तरफ जा सकेंगे। वाहन की धीमी गति होने पर ही दिशा सूचक बोर्ड दिखाई देगा। नोएडा सेक्टर-62 और विजयनगर बाइपास पर भी लोग भ्रमित हो रहे हैं। क्योकि रात के समय यहां पता ही नहीं चल पाता कि आखिर कहां से प्रताप विहार लिंक रोड की ओर मुड़ना है। वेव सिटी के सामने और लाल कुआं के पास भी चालकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सावधानी बरतने से ही हादसे से बच सकते हैं।
ऐसे सुरक्षित रहेंगे
यूपी गेट से डासना (खंड-दो) तक छह लेन का एक्सप्रेसवे और चार-चार लेन का नेशनल हाईवे है। दिल्ली से मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार और देहरादून जाने वाले वाहन चालक बीच में एक्सप्रेसवे की लेन पर चलें। नोएडा-गाजियाबाद में रहने वाले या नौकरीपेशा साइड में हाईवे पर चलें। इस खंड पर 17 अंडरपास हैं। उनसे सड़क को पार किया जा सकता है। इस तरह खंड तीन डासना से हापुड़ तक चलना है। विजयनगर बाइपास पर पैदल सड़क पार करते वक्त हादसे हो रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल नहीं करते। जबकि इस पैदल चलने वाले लोगों के लिए चार फुट ओवर ब्रिज हैं।
एक साल में 122 की मौत
एक्सप्रेसवे पर तीन दिन पहले रास्ता भटकने के कारण गलत दिशा में चलने से मां-बेटी और एक किशोरी की मौत हो गई। इसके बावजूद वाहन गलत दिशा में चल रहे हैं। प्रतिबंधित वाहनों को भी रोका नहीं जा रहा। मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल पर इस साल जनवरी से जून तक 65 हादसे हुए। इनमें 25 लोगों की जान गई। 60 लोग घायल हुए। पिछले साल 206 दुर्घटना में 122 लोगों की मौत हुई। 152 लोग घायल हुए।
Tags:    

Similar News

-->