गलवानवैसी झड़प को लेकर बड़ा बयान सामने आया: देश को अमेरिका का साथ मिला, कहा- चीनी सैन्य आक्रमण के खिलाफ भारत के साथ खड़े हैं

गलवानवैसी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर अमेरिका की ओर से बड़ा बयान सामने आया है.

Update: 2022-02-04 03:51 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गलवानवैसी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर अमेरिका की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. इस घटना को लेकर अमेरिका ने भारत का साथ दिया है. अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाली सैन्य कमान का हिस्सा रहे एक पीएलए सैनिक को चीन द्वारा बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का मशाल धारक चुनने को 'शर्मनाक' करार दिया है.

भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा अमेरिका
अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सदस्य और रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने कहा कि अमेरिका, भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा. जिम ने ट्वीट किया, ''यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 मशाल धारक ऐसे व्यक्ति को चुना जो उस सैन्य कमान का हिस्सा था, जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था और जो उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा है. अमेरिका उइगर की स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा.''
एक अन्य ट्वीट में सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा कि यह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा बीजिंग शीतकालीन खेल 2022 के राजनीतिकरण का एक और अपमानित करने वाला उदाहरण है. उन्होंने कहा कि चीन द्वारा 2020 में गलवान झड़प में शामिल रहे सैनिक को मशाल धारक के रूप में चुनना जानबूझकर उकसाने वाला कदम है.
भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गए थे फाबाओ
चीन ने बुधवार को की फाबाओ को खेलों की मशाल रिले में मशाल धारक के रूप में पेश किया था. पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजीमेंटल कमांडर फाबाओ जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गए थे. ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार फाबाओ ने विंटर ओलंपिक पार्क में वैंग मेंग से मशाल ही जो चीन की चार बार की ओलंपिक शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चैंपियन हैं.
शीतकालीन ओलंपिक के समारोह में हिस्सा नहीं लेगा भारत
वहीं, भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के मामलों के प्रमुख 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे, क्योंकि चीन ने गलवान घाटी झड़प में शामिल सैन्य कमांडर को इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता का मशाल धारक बनाकर सम्मानित किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने चीन के इस कदम को 'खेदजनक' करार दिया.
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