24 जनवरी : आज अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस, जानें इसके उद्देश्य और महत्व के बारे में सबकुछ

कहते हैं कि शिक्षा ही सभी समस्याओं का समाधान है। चाहे गरीबी-अशांति हो या फिर विकास की कमी।

Update: 2022-01-24 03:34 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कहते हैं कि शिक्षा ही सभी समस्याओं का समाधान है। चाहे गरीबी-अशांति हो या फिर विकास की कमी। इन सभी समस्याओं के समाधान का रास्ता अगर कहीं से होकर गुजरता है, तो वह है शिक्षा। आज 24 जनवरी का दिन भी दुनिया के लिए इसलिए ही बेहद खास है। इस तारीख को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में जाना जाता है। जानें शिक्षा दिवस को मनाने का कारण और इसके उद्देश्य के बारे में...

2018 में लिया गया फैसला
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 24 जनवरी के दिन को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला साल 2018 में किया था। इसके बाद 50 से अधिक देशों ने तत्काल ही इस फैसले को अपना लिया था। तभी से दुनियाभर में इस तारीख को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
क्या है उद्देश्य?
आज के दिन को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता लाना है। मनुष्य के जीवन में शांति और विकास सबसे जरूरी चीजें हैं और इसे हासिल करने का एकमात्र तरीका शिक्षा ही हो सकती है। हर व्यक्ति और बच्चों तक मुफ्त और बुनियादी शिक्षा की पहुंच जल्द से जल्द हो, इस दिन को मनाने का यही उद्देश्य है। दुनियाभर में इस दिन समारोह का आयोजन होता है। इसके मुख्य विषय हैं- लर्निंग, इनोवेशन और फाइनेंसिंग।
चेंजिंग कोर्स - ट्रांसफर्मिंग एजुकेशन
साल 2022 के लिए अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम ''चेंजिंग कोर्स - ट्रांसफर्मिंग एजुकेशन'' रखी गई है। इसके पीछे का मकसद है कि बीते दो सालों में शिक्षा क्षेत्र पर हुए प्रभाव को देखते हुए, एक बार फिर से उन तरीकों पर ध्यान देने की जरुरत, जिससे शिक्षा को सभी तक आसानी से पहुंचाया जा सके। बीते साल इस दिवस की थीम ''रिकवर एंड रिवाइटलाइज एजुकेशन फॉर कोविड-19 जेनरेशन'' रखी गई थी।
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व
दुनियाभर में शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य अब भी दूर दिखाई पड़ता है। करोड़ों बच्चों तक अब भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंच नहीं पाई है। ऑनलाइन माध्यम ने इस क्षेत्र में कुछ हद तक मदद तो की है, लेकिन अब भी कई ऐसे स्थान हैं जहां इंटरनेट की पहुंच नहीं हो पाई है। विभिन्न आंकड़ों के अनुसार अब भी दुनियाभर के करोड़ों बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। करोड़ों बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल तो पहुंचते हैं, लेकिन वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बेहद कमी है। वहीं, बड़ी संख्या में बच्चो की शिक्षा आधे में ही छूट जाती है। इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए समाधान के हल को खोजना ही अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के आयोजन का मुख्य मकसद है।
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