दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में हुए ब्लास्ट में शामिल आरोपी के खिलाफ 1040 पेज का आरोपपत्र दाखिल
दिल्ली लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट: रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट मामले में स्पेशल सेल ने आरोपित वैज्ञानिक के खिलाफ अहम साक्ष्य इक्ट्ठा कर आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। 1040 पेज के आरोपपत्र में इस साजिश का खुलासा किया गया है। इसमें यह बताया गया है कि किस तरह पड़ोसी के झगड़े में यह साजिश रची गई। इस वारदात को कैसे अंजाम दिया गया। स्पेशल सेल सूत्रों की मानें तो उनके पास वैज्ञानिक के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य हैं। जानकारी के अनुसार, बीते नौ दिसंबर को रोहिणी कोर्ट संख्या 102 में ब्लास्ट हुआ था। शुरुआत में पुलिस इसे लैपटॉप में हुआ धमाका मान रही थी, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक टिफिन बम था। रिमोट कंट्रोल से इस ब्लास्ट को अंजाम दिया गया था। इस मामले में रोहिणी कोर्ट में लगे हुए तमाम सीसीटीवी खंगालने एवं उस दिन कोर्ट में लगे केस से जुड़े लोगों से पूछताछ करने के बाद पुलिस को अहम सुराग मिले थे।
इनकी मदद से पुलिस ने अशोक विहार में रहने वाले आरोपी वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया को गिरफ्तार किया था। ब्लास्ट में इस्तेमाल किया गया कुछ सामान भी पुलिस ने उनके घर से बरामद किया था। डीसीपी राजीव रंजन के अनुसार, इस मामले में एसीपी वेद प्रकाश की देखरेख में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने पूरे मामले की छानबीन की। 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला गया। एक हजार से ज्यादा गाड़ियों के बारे में छानबीन की गई। सैकड़ों लोगों से पूछताछ की गई। इसके बाद 17 दिसंबर को भारत भूषण कटारिया को गिरफ्तार किया गया था। छानबीन में पुलिस को पता चला कि जानबूझकर भारत भूषण कटारिया ने आईईडी बनाया और उसे कोर्ट के भीतर अपने विरोधी अमित वशिष्ठ को मारने के इरादे से लगाया। इसकी वजह से न केवल अमित वशिष्ट बल्कि अदालत में मौजूद सभी कर्मचारी और जज की जान को भी खतरा था। डीसीपी राजीव रंजन के अनुसार जांच के दौरान पुलिस ने काफी मात्रा में साक्ष्य जुटा लिए हैं। आगे छानबीन के दौरान आने वाले तथ्यों को पूरक आरोपपत्र में दाखिल किया जाएगा। इसमें एफएसएल जांच की रिपोर्ट भी शामिल हैं।