इन राज्यों में फिर मंडराया कोरोना का खतरा...अब दूसरी लहर की ओर...देखें सूची

स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया आगाह

Update: 2020-10-28 15:35 GMT

भारत के कई राज्यों में फेस्टिव सीजन की वजह से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में त्योहारों की वजह से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं. हालांकि, राहत की बात ये है कि पिछले पांच हफ्तों में कोरोना से डेथ रेट में गिरावट आई है.

हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना के 49.4 प्रतिशत मामले अकेले केरल, वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली से सामने आए हैं. फेस्टिवल सीजन भी इसका बड़ा कारण हो सकता है. हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा, यह बेहद चिंता का विषय है और हम इन राज्यों की सरकारों से लगातार बात कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कुल एक्टिव केस के 78 प्रतिशत तो देश के 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ही हैं. बीते 24 घंटों में कोविड-19 से हुई मौतों के 58 प्रतिशत मामले पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में देखने को मिले हैं. इनमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक शामिल है. हालांकि, पिछले पांच हफ्तों से कोविड-19 से मौत का ग्राफ भारत में नीचे गया है. बता दें कि भारत में कोरोना की चपेट में आने से अब तक 1 लाख से भी ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.

कोरोना वायरस ने एक बार फिर यूरोपियन देशों में तबाही मचा दी है. यूरोप के देशों में पिछले कुछ समय से शांत पड़े कोरोना के मामलों में अचानक तेजी आ गई है. नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ये महामारी यूरोप के कई देशों में बड़ी तेजी से बढ़ती दिख रही है.  नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले आई तबाही से भी कहीं ज्यादा बड़ी दिख रही है. लोगों पर बीमारी का संकट मंडरा रहा है. यहां महामारी एक बार फिर अपने चरम पर है. अमेरिका में तो लोग कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप झेल रहे हैं. अमेरिका में इस वक्त कोरोना के 28 लाख से भी ज्यादा एक्टिव केस हैं.

डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस का सुपर स्प्रेड छोटी संख्या में भी हो सकता है. अगर इंफेक्शन सिर्फ 2-4 लोगों को ही संक्रमित करे. लेकिन ये मामले वायरस को बड़े स्तर पर फैलने की चुनौती पैदा कर सकते हैं. बता दें कि एक्सपर्ट पहले ही कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन रेट को लेकर परेशान हैं, जो इसके तेजी से फैलने की मुख्य वजह है.



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