कोरोना महामारी हमेशा नहीं रहेगी! खत्म होगा वायरस, वैज्ञानिक ने शतरंज का उदाहरण किया पेश

Update: 2022-01-17 07:58 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वैारिएंट ओमिक्रॉन ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. भारत समेत दुनियाभर के कई देश इस संक्रमण से जूझ रहे हैं. कोरोना वायरस का यह नया वैरिएंट तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है. इसी बीच, एक राहत की खबर सामने आई है. हाल ही में वॉशिंगटन के वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट डॉ. कुतुब महमूद ने कहा कि, यह महामारी हमेशा के लिए नहीं चल सकती और इसका अंत बहुत पास है. डॉ. कुतुब ने यह भी कहा कि शतरंज के इस खेल में कोई विजेता नहीं है, यह एक ड्रॉ मैच की तरह है, जहां वायरस छिप जाएगा और हम वास्तव में जीतेंगे और जल्द ही फेसमास्क से छुटकारा मिल सकेगा. तो, उम्मीद है कि हम फिर से आगे बढ़ेंगे.

भारत ने 16 जनवरी 2021 को शुरू हुए राष्ट्रव्यापी कोरोना टीकाकरण अभियान की पहली वर्षगांठ तक 156 करोड़ के वैक्सीन लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. इस पर डॉ. कुतुब ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन ही सबसे शक्तिशाली हथियार है. उन्होंने कहा, हमारे पास वैक्सीन, एंटीवायरल और एंटीबॉडी जैसे हथियार हैं जिनका इस्तेमाल हमने वायरस के खिलाफ किया है.
वायरोलॉजिस्ट डॉ कुतुब महमूद ने शतरंज के खेल का एक उदाहरण देते हुए कहा कि वायरस अपनी चालें चल रहा है और हम इंसान भी अपनी चालों से उसे हराने की कोशश कर रहे हैं. हमारी चालें काफी छोटी हैं जैसे फेस मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग. इन चालों से ही हमें कोरोना को मात देनी है. उन्होंने आगे कहा कि अगर आगे भी कोई म्यूटेंट आते हैं तो हमें उनसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. अगर पूरी आबादी का टीकाकरण किया जाता है तो हम सभी आने वाले किसी भी तरह के वायरस से सुरक्षित रह सकते हैं.
डॉ. कुतुब ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की सराहना करते हुए कहा कि, यह एक अच्छा डोमेस्टिक प्रोडक्ट है, जिसके लिए मैं भारत की सरकार और भारतीय कंपनी को बधाई देना चाहता हूं. यह एक बेहतरीन वैक्सीन है और क्लिनिकल डाटा में हमने देखा कि 2 साल की उम्र तक के बच्चों में इसके बेहतरीन रिजल्ट देखने को मिले हैं.
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