ओमिक्रॉन पर चौंकाने वाली रिसर्च : ओमिक्रॉन है " होस्ट जंपिंग" का मामला

Update: 2022-01-05 11:26 GMT

दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक चौंकाने वाली रिसर्च सामने आई है। चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन चूहों में म्यूटेट होकर इंसानों तक पहुंचा है। ये रिसर्च साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित हुई है। जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के इस कॉन्सेप्ट को 'होस्ट जंपिंग' कहा जाता है।

ऐसे हुए ओमिक्रॉन में म्यूटेशन्स

ओमिक्रॉन की शुरुआती जांच में वैज्ञानिकों ने इस वैरिएंट में करीब 50 म्यूटेशन्स देखे थे। अकेले स्पाइक प्रोटीन में ही 32 म्यूटेशन्स मौजूद थे। स्पाइक प्रोटीन ही वायरस को हमारे शरीर के सेल्स (कोशिकाओं) के अंदर प्रवेश करवाता है। ओमिक्रॉन के तेजी से फैलते संक्रमण का कारण इसके म्यूटेशन्स को बताया जाता है। ऐसे में वैज्ञानिकों के मन में ये सवाल उठा कि आखिर ये ओमिक्रॉन आया कहां से?

चूंकि इंसानों और मैमल्स (स्तनधारी जानवरों) के शरीर में कोई भी वायरस इतना ज्यादा म्यूटेट नहीं होता है, वैज्ञानिकों को आशंका हुई कि ओमिक्रॉन असल में होस्ट जंपिंग का मामला है।

आगे की जांच में ये बात सामने आई कि ओमिक्रॉन में मिलने वाले म्यूटेशन्स चूहों में वायरस के म्यूटेशन्स से मिलते-जुलते हैं। साथ ही, ओमिक्रॉन के म्यूटेशन्स चूहों के शारीरिक वातावरण के अनुकूल हैं। यानी ओमिक्रॉन वैरिएंट चूहों के शरीर में आसानी से जीवित रह सकता है।

पहले इंसानों से चूहों में, फिर चूहों से इंसानों में

रिसर्च में ये दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन का बिना म्यूटेशन वाला रूप (मूल रूप) पहले इंसानों से चूहों में ट्रांसफर हुआ। इसके बाद इस वैरिएंट में तेजी से म्यूटेशन्स हुए ताकि ये चूहों को गंभीर रूप से संक्रमित कर सके। फिर ये म्यूटेटिड और घातक वैरिएंट वापस चूहों से इंसानों में ट्रांसफर हुआ। होस्ट जंपिंग की यह प्रक्रिया ओमिक्रॉन के इंटर-स्पीशीज (अंतराजाति) इवोल्यूशन को दर्शाती है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसा ही कुछ इबोला वायरस और पोलियो वायरस के मामलों में भी देखा गया था। जहां इंसानों में इन वायरस के ज्यादा म्यूटेशन्स नहीं हुए, वहीं जानवरों में ये तेजी से म्यूटेट हुए।

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