एस्ट्रजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक वॉलंटियर की मौत हो गई है. ब्राजील हेल्थ अथॉरिटी Anvisa ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. हालांकि वॉलंटियर की मौत के बावजूद वैक्सीन के ट्रायल रोके नहीं जाएंगे. चिकित्सा गोपनीयता की वजह से इस बारे में और कोई जानकारी नहीं दी गई है.
फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाओलो (जो ब्राजील में कोरोना वायरस की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल करवा रही है) के मुताबिक मरने वाला वॉलंटियर ब्राजील का ही था, लेकिन वह कहां रहता था इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. वॉलंटियर की मौत की खबर की वजह से एस्ट्राजेनेका के शेयर में 1.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
ब्राजील में कोरोना महामारी के चलते 1,54,000 से ज्यादा लोगों की जान गई है. कोरोना मरीजों की मौत के मामले में ब्राजील, अमेरिका के बाद दूसरा सबसे प्रभावित देश है. कोरोना संक्रमितों की संख्या के मामलों में भी ब्राजील दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा संक्रमित देश है. इस मामले में अमेरिका और भारत क्रमश: पहले दूसरे स्थान पर है.
दुनियाभर में कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा तैयार करने के लिए तेजी से काम चल रहा है. कई एक्सपर्ट ने उम्मीद जताई है कि अगले ढाई महीने के भीतर वैक्सीन तैयार हो सकती है. लेकिन इसी दौरान कोरोना की वैक्सीन और दवा को लेकर सेफ्टी के सवाल भी उठ रहे हैं. सुरक्षा कारणों से ही 24 घंटे के भीतर एक वैक्सीन और एक एंटीबॉडी ड्रग के ट्रायल को रोकना पड़ा था.
पहले अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल को सुरक्षा कारणों से रोकना पड़ा. इसके बाद अमेरिकी की Eli Lilly कंपनी के कोरोना वायरस एंटीबॉडी दवा के ट्रायल को भी रोकना पड़ा.
एली लिली कंपनी दो एंटीबॉडी दवा विकसित कर रही है. एक का नाम LY-CoV555 है और दूसरे का LY-CoV016. LY-CoV555 के इमरजेंसी यूज की मंजूरी के लिए कंपनी ने FDA को आवेदन भी किया है. अब तक यह साफ नहीं है कि इनमें से किस एंटीबॉडी दवा का ट्रायल रोका गया है.
एली लिली कंपनी ने एंटीबॉडी ड्रग के ट्रायल को 'संभावित सुरक्षा कारणों' से रोका है. स्वतंत्र सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने ट्रायल रोकने की सिफारिश की थी. हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वैक्सीन लगाने वाले कितने वॉलंटियर में स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिली हैं. लेकिन यह जानकारी मिली है कि हॉस्पिटल में भर्ती किए गए कोरोना मरीजों पर एली लिली की एंटीबॉडी दवा का ट्रायल किया जा रहा था.
जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को रोकने का फैसला तब किया जब एक वॉलंटियर में एक बीमारी की जानकारी मिली. एली लिली कंपनी की एंटीबॉडी दवा उसी तरह की है जैसी दवा से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इलाज किया गया था. ट्रंप को Regeneron कंपनी का एंटीबॉडी ट्रीटमेंट दिया गया था.
इससे पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल भी सुरक्षा कारणों से रोका गया था, बाद में अन्य देशों में ट्रायल दोबारा शुरू कर दिया गया, लेकिन अमेरिका में अब भी ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर रोक है.