कोरोना की दूसरी लहर से कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया, अब तक 577 बच्चों हो चुके है अनाथ
ऐसे में सभी अपने सगे परिवार के साथ रह रहे हैं, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय उन बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकारों के संपर्क में है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने यूं तो कई घर बर्बाद किए, लेकिन असली मार तो बच्चों पर पड़ी है। 500 से अधिक बच्चों के माता पिता कोरोना से लड़ाई हार गए। ऐसे में छोटे बच्चों की अच्छी परवरिश करना अब बेहद कठीन हो गई है और देश की तमाम संस्थाएं इसके लिए आवाज उठा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, 'COVID की दूसरी लहर के कारण 577 बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। सभी अपने सगे परिवार के साथ रह रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय उन बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकारों के संपर्क में है।'
हालांकि, यहां सवाल यह भी है कि जिन बच्चों को परिवार नहीं मिल सका या जिनकी जानकारी ही अभी जुटाई नहीं जा सकी हैं, वहां कितनी परेशानी हो रही होगी। आजकल सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि माता पिता की मौत कोरोना से हो जाने के कारण बच्चा अनाथ हो गया है, जिसको गोद लिए जाने की आवश्यकता है।
कोरोना प्रभावित बच्चों को बचाएं
यूनिसेफ द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग उप्र के संयुक्त तत्वावधान में आनलाइन मीडिया बैठक का आयोजन मंगलवार को किया गया। बैठक में कोविड प्रभावित बच्चों के लिए किए जा रहे प्रयासों के विषय में चर्चा की गई। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बच्चों की सहायता व कोरोना से प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर 1098 व 181 की जानकारी दी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने कहा कि आजकल बच्चों की फोटो डालकर सोशल मीडिया पर सब कुछ लिख दिया जा रहा, ये ठीक नहीं। जुवैनाइल जस्टिस एक्ट कहता है कि इन बच्चों की पहचान उजागर नहीं की जाए। वहीं, एक टास्त फोर्स बनाने को भी जोर दिया गया, जो ऐसे बच्चे जिन्होंने मााता पिता को खो दिया या किसी एक को खो दिया या जिनके माता पिता पाॅजिटिव हैं ऐसे बच्चों को खोजकर बाल कल्याण समतियां यथोचित आदेश प्रदान करेंगी।