IIT बॉम्बे Research: ठोस सतहों पर कोरोना कई दिनों तक रह सकता है जिंदा, इसके लिए अपनाए यह 3 काम

‘फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स’ जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया है कि ठोस सतहों पर कई दिन कई घंटे तक कैसे वायरस जीवित रहता है

Update: 2020-11-26 09:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस पतली लिक्विड लेयर से चिपककर सतह पर जीवित रहता है। यह दावा आईआईटी-बॉम्बे ने अपनी रिसर्च में किया है। रिसर्च के मुताबिक, यह घातक वायरस ठोस सतहों पर कई घंटे और कई दिन तक जिंदा रहता है। 'फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स' जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया है कि ठोस सतहों पर कई दिन कई घंटे तक कैसे वायरस जीवित रहता है।

ऐसे समझें पूरी रिसर्च

  • वैज्ञानिकों का कहना है, आमतौर पर सांस के जरिए निकलने वाले सामान्य ड्रॉप्लेट्स कुछ सेकंड्स में सूख जाते हैं लेकिन किसी अलग-अलग सतहों पर मौजूद कोरोना कुछ घंटों तक जिंदा रहता है।
  • आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर रजनीश भारद्वाज ने बताया, हमने रिसर्च नैनोमीटर वाली लिक्विड लेयर पर किया है। यह सतह पर खास तरह के फोर्स से चिपकती है, इसलिए कोरोना इस सतह पर घंटों जीवित रहता है।
  • प्रोफेसर अमित अग्रवाल कहते है, पतली पर्त वाला मॉडल बताता है कि किसी भी सतह पर पतली पर्त का मौजूद होना और इसका सूखना तय करता है कि इस पर वायरस कितनी देर तक रहेगा।


मामले घटें या बढ़ें, अभी कोरोना से बचाव हर हाल में जरूरी

दुनियाभर के डॉक्टर्स भी यही कह रहे हैं कि यदि हर व्यक्ति ठीक तरह से मास्क पहनने को लेकर जिम्मेदार बन जाए तो कोरोना को काफी हद तक रोका जा सकता है। यह काम बहुत मुश्किल भी नहीं है। आप 3 काम करके कोरोना की दूसरी लहर को रोक सकते हैं...

1. मास्क पहनिए

ग्लोबल रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जहां 50% से 80% लोगों ने मास्क पहना, वहां कोरोना कंट्रोल में आ गया। जब हम बात करते हैं, तब हमारे मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स डेढ़ से दो फीट तक जा सकते हैं। बिना मास्क तेजी से बात करेंगे तो ड्रॉपलेट्स की रेंज 6 फीट तक हो जाएगी। मास्क होगा, तो ये ड्रॉपलेट्स ढाई इंच से आगे नहीं जा सकेंगे। इससे संक्रमण का खतरा 90% तक घट जाएगा।

2. दूरी रखिए

कोरोनावायरस सांस और ड्रॉपलेट्स के जरिए 6 फीट तक फैल सकता है। अगर हम इतनी दूरी बनाकर रखेंगे तो खुद को संक्रमित होने से बचा लेंगे।

3. हाथों को साफ रखिए

कोरोना नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। हाथों से हम बार-बार मुंह को छूते हैं। हाथ सैनिटाइज होंगे तो संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा।

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