Covid-19: रूस की स्पूतनिक-वी, फाइजर/बायोएनटेक और मॉडर्ना वैक्सीन की दौड़ में है सबसे आगे
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की अंतरिम विश्लेषण से औसत प्रभावकारिता 70 प्रतिशत पाई गई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डब्ल्यूएचओ को प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, रूस की स्पूतनिक-वी, फाइजर/बायोएनटेक और मॉडर्ना द्वारा उत्पादित वैक्सीन ने 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता की सूचना दी है। ये अभी तक वैक्सीन दौड़ में सबसे आगे हैं।
हालांकि, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की अंतरिम विश्लेषण से औसत प्रभावकारिता 70 प्रतिशत पाई गई है, मगर यह परीक्षण खुराक में गलती के कारण अभी संदेह के दायरे में है। जबकि अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन, चीन की सिनोवैक और कैनसिनो, जापान की नोवावैक्स आदि कई वैक्सीन अभी दूसरे एवं तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण से गुजर रही हैं।
फाइजर/बायोएनटेक :
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर/ जर्मन फार्मा कंपनी बायोएनटेक की एमआरएनए आधारित वैक्सीन 95 फीसदी प्रभावी साबित हुई है। लेकिन इसको माइनस 70 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान में संग्रहीत करने की आवश्यकता होती है। इसकी 2020 के अंत तक पांच करोड़ तैयार की जाएंगी।
मॉडर्ना :
अमेरिका दवा कंपनी मॉडर्ना की एमआरएनए आधारित वैक्सीन 94.5 फीसदी असरदार साबित हुई है। इसको सामान्य तौर पर एक महीने के लिए 02 से 08 डिग्री से. तापमान में संग्रहित किया जा सकता है। लंबी भंडारण अवधि के लिए और कम तापमान की आवश्यकता होती है। कंपनी को 2020 के अंत तक पांच करोड़ खुराक उत्पादन की उम्मीद है।
स्पूतनिक-वी :
रूस के दावे के अनुसार उसकी स्पूतनिक-वी वैक्सीन भी 92 फीसदी तक प्रभावी पाई गई है। इसके लिए कम से कम -18 डिग्री से. तापमान की आवश्यकता होती है। रूस को 2020 के अंत तक स्पूतनिक-वी वैक्सीन की 20 करोड़ खुराक के उत्पादन की उम्मीद है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका :
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन औसतन 70 फीसदी तक प्रभावी साबित हुई है। हालांकि, अभी सवालों के घेरे में हैं। इसको छह महीनों तक दो से आठ डिग्री तापमान में सुरक्षित रखा जा सकता है। इसकी 2020 के अंत तक 20 करोड़ तैयार की जाएंगी।