COVID-19: ICU में कोरोना मरीजों को आरक्षित बेड मामले पर दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली कोई राहत

केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के निजी अस्पतालों के आईसीयू में कोरोना मरीजों के लिए बेड आरक्षित करने की मांग की थी

Update: 2020-11-10 12:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं. राजधानी में कोरोना के डराने वाले आंकड़ों को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार एक्शन में आ गई है. इसी के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के निजी अस्पतालों के आईसीयू में कोरोना मरीजों के लिए बेड आरक्षित करने की मांग की थी. लेकिन दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट जाने को कहा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि वह 12 नवंबर को मामले की सुनवाई करे. बता दें कि इससे पहले दिल्ली के 33 बड़े निजी अस्पतालों के आईसीयू में 80 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के दिल्ली सरकार के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी.

दिल्ली सरकार के फैसले पर हाई कोर्ट ने लगा दी थी रोक

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 33 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में 80% आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार के इस आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. दिल्ली सरकार के मुताबिक इससे 800 ICU बेड्स सरकार से सिस्टम से कम हो गए.


इस बारे में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने आजतक से हुई विशेष बातचीत में कहा था, "हमने प्राइवेट अस्पतालों के अंदर 80 फ़ीसदी ICU बेड्स कोरोना के लिए रिज़र्व किये थे, जिसको हाई कोर्ट ने रोक दिया था. उसके लिए अब हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, क्योंकि अब आईसीयू बेड की उपलब्धता मुद्दा है. आईसीयू बेड की प्राइवेट अस्पतालों में दिक्कत आ रही है, उसके लिए अब हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. अभी जो दिक्कत आ रही है, वह उस वजह से भी आ रही है लेकिन यह हमारे हाथ में नहीं है. ऐसे करीब 800 ICU बेड्स थे."

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