COVID-19: UP में Covaxin व स्पूतनिक 5 का चल रहा ट्रायल, जिसके पहले किए जा रहे हैं टेस्ट

अभी तक Covaxin नतीजे उत्साहवर्धक रहे वहीं रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 के ट्रायल में पात्रों का कर लिया गया है चयन

Update: 2020-12-03 14:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वैक्सीन के इंतजार के बीच राहत की खबर यह है कि उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वैक्सीन के अखिरी फेज का ट्रायल शुरू हो रहा है. देसी वैक्सीन Covaxin का शुक्रवार से थर्ड फेज का ट्रायल कानपुर के प्रखर अस्पताल में शुरू हो रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ रूसी वैक्सीन स्पूतनिक 5 के दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल भी कानपुर के केएसबीएम मेडिकल कॉलेज में शुरू हो रहा है.

अभी तक पहले और दूसरे फेज के Covaxin नतीजे उत्साहवर्धक रहे हैं, इस वैक्सीन का ट्रायल कर रहे अस्पताल के मुताबिक देसी वैक्सीन Covaxin का असर 85 फीसदी से ज्यादा रहा है. दूसरी तरफ रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 के दूसरे और तीसरे फेज के एक साथ होने वाले ट्रायल के लिए पात्रों का चयन कर लिया गया है. डॉ. रेड्डी कंपनी की तरफ से कानपुर के केएसवीएम अस्पताल में 20 लोगों पर स्पूतनिक-5 कोरोना वैक्सीन का ट्रायल होना है जिसके लिए ट्रायल के पहले के टेस्ट किए जा रहे हैं.
देसी वैक्सीन Covaxin के फर्स्ट फेज़ के ट्रायल की शुरुआत जुलाई में हुई थी जबकि दूसरे फेज का ट्रायल सितंबर में हुआ. इन दोनों ट्रायल के नतीजे आईसीएमआर के पास हैं और अब तीसरे फेस का ट्रायल भी कानपुर के निजी अस्पताल प्रखर अस्पताल में शुरू होने जा रहे हैं. पहले फेज के ट्रायल में 33 लोग जबकि दूसरे फेज के ट्रायल में 45 लोगों ने हिस्सा लिया था सभी के सभी स्वस्थ हैं.
अब तीसरे फेज में 1000 लोगों पर कानपुर में इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो रहा है. कानपुर में देसी वैक्सीन कोवैक्सीन ट्रायल को लीड कर रहे प्रखर अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर जे.एस कुशवाहा ने आजतक से खास बातचीत में कहा, ''पहले 2 फेज के ट्रायल बेहद सफल रहे हैं, अच्छी इम्यूनिटी डेवेलप हुई है, ट्रायल में हिस्सा ले रहे किसी भी वॉलेंटियर में कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है और सभी स्वस्थ हैं.''
कोवैक्सीन के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉक्टर जी एस कुशवाहा के मुताबिक फर्स्ट फेस के ट्रायल में 0-14 यानी पहले दिन और 14वें दिन दो बार वैक्सीन लगाई गई जबकि दूसरे फेस के ट्रायल में 0-28 यानी पहले दिन और आखिरी दिन इसमें दो वैक्सीन लगाई गई यह दोनों ही ट्रायल के फेज सफल रहे हैं. जो उम्र सीमा तय की गई थी उसमें 18 साल से 55 साल के स्वस्थ लोगों को यह वैक्सीन दी गई. तीसरे फेज के ट्रायल में उम्र की सीमा 12 साल से 65 साल की गई है जबकि नियंत्रण वाले कोविड मरीजों को भी यह टीका लगाकर ट्रायल में शामिल किया जाएगा.
ट्रायल में खुद डॉक्टर जेएस कुशवाहा ने भी हिस्सा लिया और उनके मुताबिक ये vaccine काफी असरदार है. इस देसी वैक्सीन को ट्रायल के दौरान लगाने वाली आस्था सिंह कहती हैं कि शुरू में ऐसे लोग सामने आए जो एक कोरोना वॉरियर थे और समाज के लिए यह ट्रायल अपने ऊपर लेना चाहते थे लेकिन पहले फेस के सफल ट्रायल बाद से लोगों की उत्सुकता काफी बढ़ गई और अब ट्रायल में हिस्सा लेने काफी लोग आगे आ रहे हैं.
कानपुर के केएसबीए मेडिकल कॉलेज में रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की शुरुआत हो रही है. स्पूतनिक- 5 का ट्रायल कर रही डॉ. रेड्डीज ने 20 लोगों के लिए ट्रायल के लिए मंजूरी दी है, जिसमें 30 लोगों के टेस्ट हुए हैं .जल्द ही इस वैक्सीन के सेकंड फेज के टीके लगाए जाएंगे. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के मुताबिक प्रखर अस्पताल हो या फिर जीबीएम मेडिकल कॉलेज दोनों जगह अलग-अलग वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इनके नतीजों के बाद कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी.
उत्तर प्रदेश में कानपुर ही एकमात्र ऐसा शहर है जहां वैक्सीन की रेस में आगे चल रहे स्पूतनिक-5 और कोवैक्सीन दोनों का ट्रायल चल रहा है. कोवैक्सीन का ट्रायल अपने आखिरी आखरी फेज में है तो स्पूतनिक-5 का एक साथ सेकंड और थर्ड फेज शुरू हो रहा है. वैक्सीन मामलों के जानकार मानते हैं की कोवैक्सीन जल्द ही अपना टेस्ट पूरा कर लेगा और जनवरी में थर्ड फेस के नतीजे सामने आ जाएंगे उसके बाद यह वैक्सीन आम लोगों के लिए सुलभ हो जाएगी.



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