COVID-19: बिहार में मौसम की नमी बढ़ने के कारण कोरोना से होने वाली मौतों के संख्या बढ़ी
जब बरसात होगी तो आर्द्रता बढ़ जायेगी। ठंढ में कोरोना वायरस की लाइफ बढ़ जाती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वायुमंडल में बढ़ी नमी (आर्द्रता) कोरोना के तेवर को और खतरनाक कर दे रहा है। कोरोना विशेषज्ञों की मानें तो इस साल बारिश के मौसम में बढ़ी नमी के बीच कोरोना संक्रमण की रफ्तार न केवल तेज हुई, बल्कि कोरोना संक्रमितों की हालत गंभीर करते हुए इससे होने वाली मौतों के ग्राफ को भी बढ़ा दिया।
मायागंज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी कहते हैं कि कोरोना के फैलने में नमी एक कारण हो सकता है, लेकिन इस पर कोई रिपोर्ट जारी नहीं हुई है। नमी बढ़ने की स्थिति में कोरोना बढ़ने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है।
बरसात में जिले में कोरोना का बरसा था कहर
बारिश होने पर वायुमंडल में नमी 90 से 100 प्रतिशत तक हो जाती है। इससे कोरोना के वायरस को फैलने का मौका मिल जाता है। आंकड़े बताते हैं कि जब अप्रैल से जून तक गर्मी चरम पर थी और नमी 65 से 70 प्रतिशत के बीच थी तो इस दौरान अप्रैल में पांच, मई में 187 तो जून में कोरोना के 313 नये मरीज पाये गये थे। इन तीनों महीने में कुल मिलाकर एक कोरोना मरीज की मौत हुई थी। वहीं जुलाई से सितंबर के बीच करीब 800 मिमी बारिश हुई। इस दौरान ज्यादातर दिन वायुमंडल में नमी यानी आर्द्रता का स्तर 90 से 100 प्रतिशत के बीच रहा। यही कारण है कि जुलाई में 2046, अगस्त में 2984 तो सितंबर में कोरोना के 1874 नये मामले पाये गये। जबकि अक्टूबर में आर्द्रता कम हुई तो इस माह कोरोना के 1024 नये मामले मिले।
मौतों का ग्राफ भी बरसात में बढ़ा
आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि जुलाई से सितंबर माह में जिले में न केवल कोरोना के नये मामले मिले बल्कि मौतों का आंकड़ा इसी माह बढ़ा। मई में जहां कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हुई तो अप्रैल व जून में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मरा। वहीं जुलाई में रिकार्ड 38 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। इस माह कोरोना से होने वाली मौतों की दर 1.85 प्रतिशत रहा। अगस्त माह में 11 तो सितंबर माह में 13 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। वहीं अक्टूबर में पांच तो नवंबर माह में अब तक पांच कोरोना संक्रमितों की मौत जिले में हो चुकी है।
जब बरसात होगी तो आर्द्रता बढ़ जायेगी। ठंढ में कोरोना वायरस की लाइफ बढ़ जाती है। इसके जिंदा रहने की अवधि में दो से तीन की वृद्धि हो जाती है। ऐसे में ठंड बढ़ेगी तो कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ेगी। लोगों को दो गज की दूरी व मास्क का इस्तेमाल हर हाल में करना चाहिए। प्रशासन को इस पर कड़ा रवैया अख्तियार करना चाहिए। - डॉ. हेमशंकर शर्मा, नोडल प्रभारी कोरोना, मायागंज अस्पताल