अकेली भटक रही थी बच्ची, साइबर प्रहरी की वजह से मिल पाई परिजनों से

दुर्ग। साइबर प्रहरी की वजह से नबालिक बालिका परिजनों को मिल पाई है. डायल 112 आरक्षक रवि सोनी द्वारा थाना प्रभारी दुर्ग को फोन से बताया की एक लगभग 11 वर्ष की नवालिक बालिका चंडी मंदिर दुर्ग के पास अकेले भटकते हुये मिली। नाम पूछने पर अपना नाम हर्षिता दुबे बतायी लेकिन अपने माता-पिता का …

Update: 2024-01-24 21:21 GMT

दुर्ग। साइबर प्रहरी की वजह से नबालिक बालिका परिजनों को मिल पाई है. डायल 112 आरक्षक रवि सोनी द्वारा थाना प्रभारी दुर्ग को फोन से बताया की एक लगभग 11 वर्ष की नवालिक बालिका चंडी मंदिर दुर्ग के पास अकेले भटकते हुये मिली। नाम पूछने पर अपना नाम हर्षिता दुबे बतायी लेकिन अपने माता-पिता का नाम नहीं बता पा रही थी तथा अपनी नानी का घर गाड़ाडीह पाटन का होना बतायी। नबालिक बालिका को थाना लाया गया।

थाना सिटी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक महेश ध्रुव ने तत्काल मामले की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी जानकारी ग्रुप में डाला गया। थाना प्रभारी दुर्ग द्वारा थाना प्रभारी पाटन को नबालिक बालिका के परिजन की पता-तलाश करने हेतू फोटो भेजा। पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राम गोपाल गर्ग के द्वारा जिले में पुलिस सायबर प्रहरी एप का विमोचन किया गया। जिससे थाना दुर्ग क्षेत्र में बीट कर्मचारियों के द्वारा अपने-अपने बीट सायबर प्रहरी ग्रुपों में नबालिक बालिका की फोटो को भेजा गया। इस पर म.आरक्षक अनिता भास्कर के द्वारा अपने वार्ड 56 बघेरा सायबर प्रहरी गुप में नबालिक बालिका की फोटो भेजने पर ग्रुप में जुड़े आम जनता के द्वारा नबालिक बालिका की पहचान की गई, जिस पर नवालिक बालिका परिजन थाना आए नबालिक बालिका पिता भारती दुबे पति गौतम दुबे उम्र 38 साल निवासी वार्ड 56 बघेरा दुर्ग द्वारा थाना आने पर हर्षिता दुबे को सुपुर्द कर दिया गया।

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