पत्नी की गुमशुदगी रिपोर्ट थाने में दर्ज, आयोग द्वारा दुर्ग आईजी को पत्र प्रेषित कर निराकरण हेतु मंगाया जाएगा जल्द से जल्द रिपोर्ट- डॉ किरणमयी नायक
बालोद: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डाॅ. अनिता रावटे, अधिवक्ता सुश्री शमीम रहमान ने आज संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में महिलाओं से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की। इस दौरान बालोद जिले के कुल 21 प्रकरण रखे गए। जिसमें से 13 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया। 03 प्रकरण को रायपुर जिले की सुनवाई में रखा गया। राज्य महिला आयोग द्वारा 01 प्रकरण को स्वतः संज्ञान में लेते हुए एफआईआर दर्ज कर अपराधी को हिरासत में रखा गया है। बालोद जिले के एक स्कूल का था जिसमे आरोपी शिक्षक ने लड़कियों से छेड़छाड़ का मामला था जो एक अखबार में इसे दिया गया था जिसे आयोग की अध्यक्ष ने तत्काल इस मामले को स्वतः संज्ञान में लिया और जिसके बाद आरोपी को बालोद पुलिस ने गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया है। सुनवाई के दौरान एक प्रकरण नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को अध्यक्ष पद में हार का सामना करना पड़ा था जो इस प्रकरण में अनावेदक है और उनके द्वारा अपनी पार्टी कार्यालय में एक लिखित शिकायत किया गया था जिसमें आवेदिका का नाम एवं दो अन्य संदेही के उपर उन्हें क्रास वोटिंग का संदेह था। जिस पर पार्टी बैठक में अनावेदकगणों ने यह निर्णय लिया किया इस आवेदन को प्रदेश भाजपा कार्यालय भेजा गया और अनावेदकगणों अनुशंसा के लगभग 02 वर्ष बाद आवेदिका को भारतीय जनता पार्टी से निष्काषित कर दिया गया। आयोग द्वारा उभय पक्ष को सुना गया चुंकि यह प्रकरण नगर पालिका परिषद चुनाव में क्रास वोटिंग के दुष्परिणाम के कारण समाचार पत्रों में छपी खबर से आवेदिका को अपनी मानहानी कारक लगी है आयोग द्वारा पुछे जाने पर आवेदिका ने कहा कि इन अनावेदक के संबंध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय बालोद में भी शिकायत दी गई है जिसमें किसी प्रकार की कार्रवाई नही हुई है। आवेदिका के द्वारा प्रस्तुत प्रकरण उनकी व्यक्तिगत मानहानी और अनावेदकों के द्वारा चुनाव में क्रास वोटिंग के विषय से जुड़ा है। जिस पर निर्णय केवल न्यायलयीन प्रकरणों के द्वारा ही किया जाना संभव है। जिसका क्षेत्राधिकार केवल दीवानी न्यायालय एवं अपराधिक न्यायालय को है। आयोग ने दोनो पक्षों को समझाईश दिया कि वे चाहे तो एक दुसरे के विरुद्ध मानहानी का दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। इस समझाईश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदक पति ने अपनी पत्नी के गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में वर्ष 2017 में दर्ज कराया है। जिस पर अभी तक आवेदक के पत्नी का पता नहीं चल पाया है। आयोग द्वारा दुर्ग आईजी को पत्र प्रेषित किया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द मंगाया जाएगा जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।