केसरा गौठान समिति के अध्यक्ष श्री कनक सोनी हैं। इनकी समिति द्वारा स्व-सहायता समूह के जरिए पशुपालकों से 4 हजार 900 क्विंटल गोबर खरीदकर उससे एक हजार 700 क्विंटल कम्पोस्ट तैयार कर विक्रय किया गया है। केसरा गौठान में आर्थिक गतिविधियों के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा मुर्गीपालन, बकरीपालन, मछलीपालन, बाड़ी विकास एवं तेल पेराई मशीन जैसी गतिविधियां संचालित की जाती है, जिनसे अब तक समूह ने 12 लाख रूपए से भी अधिक की आय अर्जित किए हैं। केसरा गौठान समिति ने एक वर्ष में 100 से भी अधिक लावारिस पशुओं को आश्रय दिया है और उनकी देख-रेख भी कर रही है।
आरंग विकासखण्ड में संचालित चटौद गौठान के अध्यक्ष श्री तिलक वर्मा हैं। चटौद गौठान समिति द्वारा समूह के जरिए पशुपालकों से अब तक 5 हजार 500 क्विंटल गोबर खरीदकर उनसे 2 हजार 200 क्विंटल कम्पोस्ट तैयार कर विक्रय किया गया है। गौठान में सीता महिला संगठन स्व-सहायता समूह मुर्गीपालन, मछलीपालन, बकरीपालन, बाड़ी विकास, मशरूम उत्पादन, पापड़, आचार, बड़ी, निरमा आदि का उत्पादन करती है। सीता महिला समूह गौमूत्र खरीदी कर कीटनाशक निमास्त्र और ब्रम्हास्त्र भी बना रही है, जो जैविक खेती के लिए रसायनमुक्त कीटनाशक है। गौठान समिति ने विभिन्न आयमूलक गतिविधियां संचालित कर अब तक 11 लाख 95 हजार रूपए से भी अधिक आय अर्जित किया है। इसके अलावा समिति ने केचुआ विक्रय कर 3 लाख 60 हजार रूपए की अतिरिक्त आय भी अर्जित की है।
कांकेर जिले के डोन्डे, हरनगढ़ गौठान समिति के अध्यक्ष श्री विष्णु साहू हैं, जिनकी समिति ने स्व-सहायता समूह के माध्यम से पशुपालकों से 6 हजार 200 क्विंटल गोबर की खरीदी की है और 2900 क्विंटल कम्पोस्ट तैयार किया है। गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाएं मछलीपालन, बाड़ी विकास, मशरूम उत्पादन, दीया निर्माण जैसी आयमूलक गतिविधियां संचालित कर 6 लाख 48 हजार रूप से अधिक की आय अर्जित की है। गौठान द्वारा वर्मी कम्पोस्ट विक्रय और गोबर क्रय का कार्य लगातार किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार सुराजी योजना के अंतर्गत प्रदेश में गौठानों का निर्माण कर वहां पर आयमूलक गतिविधियों के संचालन को बढ़ावा दे रही है। सरकार गौठानों को मल्टीएक्टिविटी केन्द्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि गौठानों में ग्रामीणों के लिए आजीविका के अवसर बढ़ाए जा सकें, जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके और गौ-पालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ गौठान समितियां एवं स्व-सहायता समूह स्वावलंबन की दिशा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें।