लघु धान्य फसल कुटकी की खेती से कृषक पुनाराम बोगा की आय में हुई वृद्वि

Update: 2022-12-16 03:57 GMT
उत्तर बस्तर कांकेर: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं मिलेट मिशन जिले के लघु धान्य उत्पादक किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम गुड़फेल के किसान पुनाराम बोगा जैविक पद्धति से कुटकी की फसल ले रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। उनके पास लगभग 4.78 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से इस वर्ष 05 एकड़ भूमि में कुटकी की फसल ली गई थी, जिसमें इस वर्ष लगभग 20 क्विंटल कुटकी का उत्पादन प्राप्त हुआ है, जिसे समर्थन मूल्य में बेचने पर 60 हजार रूपये की आमदनी होगी। उन्होंने बताया कि पहले वह परम्परागत तरीके से कुटकी की खेती करता था, लेकिन उससे अधिक उत्पादन नहीं मिल पाता था। इस पर उनके द्वारा कृषि विभाग से संपर्क कर तकनीकी मार्गदर्षन लेकर उन्नत तकनीक से कुटकी की खेती किया जाने लगा, जिससे उन्हें अधिक उत्पादन प्राप्त हो रहा है। कृषक पुनाराम बोगा ने बताया कि कृटकी की खेती में अन्य फसलों की अपेक्षा कम पानी की आवश्यकता होती है एवं अन्य फसलों की तुलना में कृषि कार्य में लागत कम आता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना में पंजीयन करवाकर आदान सहायता राशि का भी लाभ ले रहा हॅू। इस योजना से उन्हें प्रेरणा मिली है। आगामी वर्ष लघु धान्य के फसल के रकबे को और बढ़ाना चाहता हॅू।
कृषक पुनाराम बोगा ने बताया कि लघु धान्य फसल कुटकी की उन्नत खेती से प्रति वर्ष उत्पादन में वृद्धि हुई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। कुटकी के उन्नत खेती से आय को देखते हुए अन्य कृषक भी इसे अपना रहे हैं।
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