इस सरकारी स्कीम में बेहतर ब्याज के साथ टैक्स छूट का भी उठा सकते हैं फायदा, जानें डिटेल्स

पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.

Update: 2022-02-11 02:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप आने वाले दिनों में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स (Saving Schemes) में कर सकते हैं. इन स्कीम्स में आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है. साथ में, इसमें निवेश किया गया पैसा भी पूरी तरह सुरक्षित रहता है. अगर बैंक डिफॉल्ट (Bank Default) होता है, तो आपको 5 लाख रुपये की ही राशि वापस मिलती है. लेकिन डाकघर (Post Office) में ऐसा नहीं है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स में बेहद कम राशि से निवेश शुरू किया जा सकता है. पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.

ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट स्कीम में मौजूदा समय में 6.8 फीसदी की ब्याज दर मौजूद है. इसमें ब्याज को सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता है, लेकिन भुगतान मैच्योरिटी पर होता है. इसमें 1000 रुपये का निवेश करने पर राशि पांच साल की अवधि के बाद बढ़कर 1389.49 रुपये हो जाती है.
निवेश की राशि
इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम में कम से कम 1000 रुपये का निवेश किया जा सकता है. व्यक्ति को निवेश 100 रुपये के मल्टीपल में करना होगा. निवेश करने की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है.
कौन खोल सकता है अकाउंट?
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में एक वयस्क, तीन व्यस्क तक साथ मिलकर ज्वॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं. इसके अलावा इस स्कीम में कमजोर दिमाग के व्यक्ति या नाबालिग की ओर से अभिभावक भी खाता खोल सकता है. इस स्कीम के तहत 10 साल से ज्यादा उम्र का नाबालिग अपने खुद के नाम में भी अकाउंट खोल सकता है.
मैच्योरिटी
इस छोटी बचत योजना में निवेश की गई राशि जमा की तारीख से पांच साल की अवधि पूरी होने पर मैच्योर होती है.
स्कीम के अन्य फीचर्स
इस स्कीम के तहत किसी भी संख्या में अकाउंट खोले जा सकते हैं.
इस स्कीम के तहत निवेश की राशि के लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में 5 साल की एफडी से पहले कुछ स्थिति में अकाउंट बंद किया जा सकता है.
इसमें सिंगल अकाउंट धारक की मौत हो जाने पर या ज्वॉइंट अकाउंट में सभी खाताधारकों की मौत पर अकाउंट बंद कर सकते हैं.
इसके अलावा कोर्ट के आदेश पर भी खाते को बंद कराया जा सकता है.


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