महिलाओं को मिलेगा 10 लाख रुपये का लोन...सरकार चला रही ये योजनाएं
वित्त मंत्रालय ने पिछले 7 वर्षों में अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रावधान है
वित्त मंत्रालय ने पिछले 7 वर्षों में अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रावधान है. इन योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, ताकि वे बेहतर जीवन जी सकें और उद्यमी बनने के अपने सपने को साकार कर सके.
(1) स्टैंड अप इंडिया स्कीम
इस योजना की शुरुआत 5 अप्रैल, 2016 को की गई थी और इसका उद्देश्य ग्रामीण इलकों में निचले स्तरों पर आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार के मौके बनाना है. साथ ही, कारोबार को बढ़ावा देना है.
इस योजना का उद्देश्य संस्थागत लोन का फायदा ऐसे वर्गों तक पहुंचाना है, जहां इनकी पहले पहुंच नहीं थी और इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला कारोबारी है, ताकि राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में हिस्सेदारी के लिए उन्हें भी अवसर प्रदान किया जा सके.
इस योजना का उद्देश्य 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बैंक लोन को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) की प्रत्येक शाखा से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कम से कम एक सदस्य और कम से कम एक महिला उद्यमी को ऋण की सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे हरित क्षेत्र उद्यमों की स्थापना कर सके.
स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत 26.02.2021 तक 81 फीसदी से अधिक यानी 91,109 खातों में महिला कारोबारियों के लिए 20,749 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है.
(2) प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई)
इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल, 2015 को गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों के लिए 10 लाख रुपये तक की लोन राशि उपलब्ध कराने के लिए की गई थी.
इन लोन को पीएमएमवाई के तहत मुद्रा लोन के रूप में वर्गीकृत किया गया है और ये लोन वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों, सूक्ष्म वित्त संस्थान और गैर-बैंकिंग वित्तीय निगमों द्वारा प्रदान किए जाते हैं.
पीएमएमवाई के तहत मुद्रा ऋण को शिशु, किशोर और तरुण के रूप में वर्गीकृत किया गया है, ताकि लाभार्थी सूक्ष्म इकाई/उद्यमी की वृद्धि के चरण – विकास एवं वित्त आवश्यकताओं की पहचान की जा सके और उन्हें विकास के अगले चरणों के लिए आगे समर्थन दिया जा सके.
मुद्रा योजना की शुरुआत से लेकर 26.02.2021 तक महिला उद्यमियों के 68 फीसदी यानी 19.04 करोड़ खातों में 6.36 लाख करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है.
(3) प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई)
यह योजना 28 अगस्त, 2014 को शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार को कम से कम एक बैंक खाते की आधारभूत सुविधा, वित्तीय साक्षरता, ऋण तक पहुंच, बीमा एवं पेंशन सुविधा उपलब्ध कराना है.
इस योजना के तहत 24.02.2021 तक कुल 41.93 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं जिनमें से 23.21 करोड़ खाते महिलाओं से संबंधित हैं.
अगर आप अपना नया जनधन खाता खोलना चाहते हैं तो नजदीकी बैंक में जाकर आसानी से ये काम कर सकते हैं. इसके लिए बैंक में आपको एक फॉर्म भरना होगा.
उसमें नाम, मोबाइल नंबर, बैंक ब्रांच का नाम, आवेदक का पता, नॉमिनी, व्यवसाय/रोजगार और वार्षिक आय व आश्रितों की संख्या, एसएसए कोड या वार्ड नंबर, विलेज कोड या टाउन कोड आदि की जानकारी देनी होगी.
आपका कोई पुराना बैंक खाता है तो उसे भी जनधन खाता में बदलवाना आसान है. इसके लिए आपको बैंक ब्रांच में जाकर रुपे कार्ड के लिए आवेदन करना होगा और एक फॉर्म भरते ही आपका बैंक अकाउंट जनधन योजना में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
आधार कार्ड या पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस या PAN कार्ड, वोटर कार्ड, NREGA जॉब कार्ड, अथॉरिटभ्कि से जारी लेटर, जिसमें नाम, पता और आधार नंबर लिखा हो, गजेटेड आफिसर द्वारा जारी लेटर जिसपर खाता खुलवाने का अटेस्टेड फोटो लगा हो.
पॉजिट पर ब्याज मिलता है. खाते के साथ फ्री मोबाइल बैंकिंग की सुविधा भी दी जाती है. जनधन खाता है तो आप ओवरड्रॉफ्ट के जरिए अपने खाते से अतिरिक्त 10,000 रुपये तक निकाल सकते हैं. मगर ये सुविधा जन धन खाते के कुछ महीनों तक सही से रखरखाव के बाद ही मिलती है.
2 लाख रुपये तक एक्सिडेंटल इंश्योरेंस कवर. 30,000 रुपये तक का लाइफ कवर, जो लाभार्थी की मृत्यु पर योगयता शर्ते पूरी होने पर मिलता है. जन धन खाता खोलने वाले को रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है जिससे वह खाते से पैसे निकलवा सकता है या खरीददारी कर सकता है.
जनधन खाते के जरिए बीमा, पेंशन प्रोडक्ट्स खरीदना आसान है. जनधन खाता है तो पीएम किसान और श्रमयोगी मानधन जैसी योजनाओं में पेंशन के लिए खाता खुल जाएगा. देश भर में पैसों के ट्रांसफर की सुविधा मिलती है. सरकारी योजनाओं के फायदों का सीधा पैसा खाते में आता है.