क्या भारत में भी बनेगी बायो-गैस

Update: 2023-08-09 18:05 GMT
पिछले कुछ समय के दौरान लोग पर्यावरण को लेकर काफी तेजी से जागरुक हुए हैं. पर्यावरण को नुक्सान न पहुंचे इसके लिए हम सभी प्रकार के विकल्प तलाश रहे हैं फिर चाहे वो इलेक्ट्रिक वाहन हों, ग्रीन हाइड्रोजन हो या फिर बायो-गैस (Bio-Gas) ही क्यों न हो. बायो-गैस, ऊर्जा के सबसे महत्त्वपूर्ण स्त्रोतों में से एक है, क्योंकि इसे RNG के रूप में भी अपग्रेड किया जा सकता है. आपको बता दें कि RNG को बायो-CNG या CBG के नाम से भी जाना जाता है.
क्या है बड़ी खबर?
अब हाल ही में बायो-गैस से संबंधित एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. बैंगलोर स्थित बायो-फ्यूल टेक्नोलॉजी कंपनी ‘GPS Renewables’ ने जर्मनी आधारित एक कंपनी का अधिग्रहण पूरा कर लिया है जिसका नाम Proweps Envirotech है. Proweps Envirotech प्रमुख रूप से ऐसी टेक्नोलॉजी के डिजाईन और इंजिनयरिंग पर काम करती है, जिसका इस्तेमाल म्युनिसिपल और औद्योगिक वेस्ट को बायो-गैस का उत्पादन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
क्या करती है GPS रिन्यूएबल
जब भी बात बायो-फ्यूल की आती है तो GPS Renewables हमेशा सबसे आगे नजर आती है. जब भी फॉसिल फ्यूल को बायो-फ्यूल, RNG, 2G एथेनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे विकल्पों से बदलने की बात आती है तो GPS Renewables ही ऐसे प्रोजेक्ट्स को तेजी प्रदान करती नजर आती है. कंपनी ने 100 से ज्यादा बायो-गैस प्लांट्स लगाए हैं जिनमें एशिया का सबसे बड़ा RNG प्लांट भी आधारित है और यह म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट पर आधारित है. GPS Renewables ने खुद को भारत की अग्रणी बायो-फ्यूल कंपनी के रूप में स्थापित किया है.
आर्गेनिक वेस्ट की समस्या
GPS Renewables द्वारा Proweps Envirotech के अधिग्रहण पर अपने विचार साझा करते हुए कंपनी के CEO और को-फाउंडर मैनाक चक्रवर्ती ने कहा कि GPS Renewables ऐसे नए तरीकों की खोज करती रहेगी जिससे आर्गेनिक वेस्ट की समस्या को सुलझाया जा सके और फॉसिल फ्यूल को बायो-फ्यूल से बदला जा सके. इस अधिग्रहण से हमें बहुत सी उम्मीदें हैं और हमें विश्वास है कि कंपनी के लिए यह एक काफी अच्छा फैसला साबित होगा.
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