मुकेश अंबानी को क्यों पड़ी लोन की जरूरत

Update: 2023-06-15 16:57 GMT
मुकेश अंबानी को क्यों पड़ी लोन की जरूरत
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मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL), विदेशी करेंसी में 2 बिलियन डॉलर्स जितना लोन लेने के लिए उधारदाताओं के साथ बातचीत कर रही है. RIL, भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और इतनी बड़ी कंपनी द्वारा 2 बिलियन डॉलर्स का लोन लेने की वजह क्या हो सकती है ये सवाल आप भी जरूर सोच रहे होंगे.
क्यों पड़ रही है फंड्स की जरूरत
मामले से जुड़े लोगों की मानें तो RIL का बिजनेस तेल से लेकर टेलिकॉम के क्षेत्र तक फैला हुआ है और धीरे-धीरे यह बिजनेस और आगे बढ़ रहा है. इसी वृद्धि को ताकत प्रदान करने के लिए अब कंपनी उधारदाताओं से लोन लेने की कोशिश कर रही है. RIL के मालिक एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और वह भारत के बाहरी कमर्शियल रूट का इस्तेमाल करके लोन प्राप्त करना चाहते हैं. इस लोन की मैच्योरिटी 3 से 5 सालों के बीच हो सकती है.
किन बैंकों से चल रही है उधार की बात
मामले से जुड़े लोगों ने यह भी बताया कि इस लोन के माध्यम से इकट्ठा हुए फंड्स का प्रयोग कंपनी द्वारा कैपिटल बढ़ाने और सितंबर में पूरे होने वाले एक अन्य लोन का भुगतान करने के लिए किया जा सकता है. कंपनी 2 बिलियन डॉलर्स का लोन लेने के लिए विभिन्न उधारदाताओं से बातचीत कर रही है जिनमें बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प, सिटीग्रुप और स्टैण्डर्ड चार्टर्ड प्राइवेट लिमिटेड जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. फिलहाल इन बैंकों ने इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का जवाब देने से मना कर दिया है.
कंपनी को आसानी से मिल रहे हैं फंड्स
लोगों का मानना है कि मुकेश अंबानी को फंड्स इकट्ठा करने की जरूरत इसलिए पड़ रही है क्योंकि वह टेलिकॉम क्षेत्र के बिजनेस को बढ़ा रहे हैं और साथ ही कच्चे तेल की रिफाइनिंग पर आधारित एक साम्राज्य की कंज्यूमर शाखा को विकसित करना चाहते हैं. 2020 में RIL ने नेट जीरो डेट का स्टेटस प्राप्त कर लिया था और इसी की वजह से अब कंपनी को आराम से फंड मिल पा रहा है. रिलायंस का कहना है कि वह अगले 15 सालों में रिन्यूएबल एनर्जी में 75 बिलियन डॉलर्स का इन्वेस्ट करना चाहती है.
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