Bar Code और QR code में क्या है अंतर, जानिए पूरी डिटेल

बार कोड (Bar Code) और क्यूआर कोड (QR Code) के बिना डिजिटल युग की कल्पना भी नहीं की जा सकती. बार कोड या क्यूआर कोड से हमें किसी भी प्रोडक्ट की पूरी जानकारी मिल सकती है

Update: 2022-07-14 05:50 GMT

बार कोड (Bar Code) और क्यूआर कोड (QR Code) के बिना डिजिटल युग की कल्पना भी नहीं की जा सकती. बार कोड या क्यूआर कोड से हमें किसी भी प्रोडक्ट की पूरी जानकारी मिल सकती है और यदि वही प्रोडक्ट हमें खरीदना हो तो क्यूआर कोड को स्कैन करके पेमेंट भी की जा सकती है. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान क्यूआर कोड दुनियाभर में प्रचलित हो गया है.

वैसे बहुत से लोगों को बार कोड और क्यूआर कोड के बीच में अंतर मालूम नहीं होता और वे दोनों को एक ही समझते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. दोनों के बीच काफी फर्क है. इसलिए यह फर्क आपको पता होना चाहिए. आज इस आर्टिकल में हम आपको दोनों के बीच का अंतर बता रहे हैं.

 बार कोड क्या है और कहां होता है इस्तेमाल?

बार कोड का इस्तेमाल कॉमर्शियल कार्यों के लिए 1974 में शुरू किया गया था. बार कोड किसी भी सामान का एक लीनियर री-प्रेजेंटेशन है, जिसे एक ऑप्टिकल डिवाइस की मदद से पढ़ा जाता है. बारकोड को इस तरह से समझा जा सकता है- यह कई समानांतर रेखाओं से बना होता है. इन समानांतर रेखाओं के बीच का फासला भी ज्यादा और कम होता है.

बता दें कि बार कोड के जरिए किसी भी सामान की जानकारी का पता लगाया जा सकता है. आप कोई बारकोड स्कैन करके सामान की कीमत, या फिर उसकी मेन्यूफैक्चरिंग डेट और वजन समेत कई जानकारियों का पता लगा सकते हैं. मतलब इसके लिए आपको दुकानदार से पूछने की जरूरत नहीं है. आपको महज एक बार कोड स्कैन करना है.

क्या होता है QR कोड और किस काम आता है?

क्यूआर कोड (QR Code) का पूरा नाम क्विक रिस्पॉन्स कोड है. यह दरअसल, बार कोड का ही एडवांस्ड वर्जन है. बार कोड में आपको बहुत सारी लाइंस दिखती हैं, जबकि क्यूआर कोड स्क्वेयर शेप में होता है. यह बार कोड के मुकाबले काफी ज्यादा जानकारियां स्टोर कर सकता है, यहां तक कि नंबर्स, अल्फाबेट्स, फोटो और वीडियो भी. बार कोड में बहुत कम जानकारी स्टोर होती है.

क्यूआर कोड को 1994 में इजाद किया गया था. क्यूआर कोड को पहले ऑटो-मोबाइल के कई पार्ट्स और स्पेयर पार्ट्स को स्कैन करने के लिए बनाया गया था. इसके जरिए पार्ट्स की जानकारी हासिल करना आसान था. क्यूआर कोड को आप इस उदाहरण से समझ सकते हैं- मान लीजिए एक गिफ्ट पैक है और आपको पता नहीं है कि उसके अंदर क्या है. जैसे किसी गिफ्ट बॉक्स को कैंची या चाकू से खोलकर देखा जाता है, ठीक वैसे ही QR कोड को स्कैन करके विस्तृत जानकारी पायी जा सकती है. इसे केवल वही मोबाइल ऐप्स पढ़ सकता है, जो खास तौर पर इसे पढ़ने के लिए बना है.

आपने देखा होगा आजकल ज्यादातर दुकानों के बाहर क्यूआर कोड रखे रहते हैं. आप अपनी पेमेंट ऐप्स के माध्यम से स्कैन करके दुकानदार को पेमेंट कर सकते हैं. इस क्यूआर कोड में दुकानदार का नाम, दुकान का नाम, बैंक अकाउंट नंबर समेत कई जानकारियां स्टोर होती हैं. यही वजह है कि स्कैन करने के बाद पेमेंट उसी दुकानदार के बैंक अकाउंट में पहुंचती है, जिसे आपने पेमेंट की है.

 

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