सरकार की डिजिटल करेंसी का क्या है पूरा प्लान, जानें
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के बिल में केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का प्रस्ताव कर सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का मकसद क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का नहीं, बल्कि आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध कराना है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार क्रिप्टोकरेंसी के बिल में केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का प्रस्ताव कर सकती है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, उसे यह जानकारी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है. रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले विधेयक पर चर्चाओं की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने केंद्र सरकार के बिल को मैक्रो इकोनॉमिक स्थिरता को लेकर रिजर्व बैंक की चिंताओं का रिस्पॉन्स बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार का रिस्पॉन्स क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का नहीं, बल्कि आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध कराना है.
बिल सोमवार को शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में आएगा. रिपोर्ट में कहा गया है बिल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश की मॉनेटरी इकोनॉमिक्स का कंट्रोल नहीं खोए, जिसके साथ क्रिप्टो को लेकर बोली कम से कम लगे. व्यक्ति ने आगे कहा कि अनरेगुलेटेड क्रिप्टोकरेंसी मैक्रो इकोनॉमी को अस्थिर कर सकती है. इस मामले में आरबीआई सही है.
क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर विवाद
संसद के अगले पेश होने के लिए तैयार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 ने पूरी इंडस्ट्री में विवाद शुरू कर दिया है. इसकी वजह लोकसभा की वेबसाइट पर बिल को लेकर टिप्पणी है कि जिसमें कहा गया है कि इसका मकसद भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करना है. लेकिन इसमें टेक्नोलॉजी और उसके इस्तेमाल का प्रचार करने के लिए कुछ छूटों की इजाजत दी गई है.
हाल के दिनों में, देश में बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा गया है, क्योंकि निवेशक रेगुलेशन पर ज्यादा साफ तस्वीर का इंतजार कर रहे हैं.
भारत डिजिटल करेंसी को लेकर चलना चाहता है संभलकर
इस बात को मानते हुए कि क्रिप्टो और ब्लॉकचैन पूरी दुनिया में बनी रहेगी, अधिकारी ने कहा कि भारत डिजिटल करेंसी को लेकर ग्रेजुअल अपरॉच को अपनाएगा. ईटी को व्यक्ति ने बताया कि क्रिप्टो को लेकर सरकार का रवैया संभलकर चलने और बदलने का हो सकता है. वे CBDC के साथ शुरू करेंगे. केंद्रीय बैंक उसे लॉन्च करेगा और भविष्य में आरबीआई द्वारा अधिकृत और रेगुलेटेड प्राइवेट स्टेबल क्वॉइन हो सकते हैं. व्यक्ति ने यह भी जिक्र किया है कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय बाजार में इंटरमीडियरीज जैसे बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड की भूमिका को खत्म करके उसे खुद निभा सकती हैं.