सोमवती अमावस्या पर किन नियमों का पालन करना होता है जरूरी
सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या, सोमवती अमावस्या कहलाती है
सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या, सोमवती अमावस्या कहलाती है. माघ मास की सोमवती अमावस्या 31 जनवरी, सोमवार को पड़ रही है. पंचांग के मुताबिक सोमवती अमावस्या दोपहर 2 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है. मान्यता है कि यह अमावस्या सुहाग और सैभाग्य के लिए बेहद खास होती है. ऐसे में जानते हैं सोमवती अमावस्या पर किन नियमों का पालन करना जरूरी होता है.
ना करें तकिया का इस्तेमाल
सोमवती अमावस्या पर व्रत रखने का विधान है. ऐसे में व्रती को व्रत के दौरान तकिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि तकिया में रूई का इस्तेमाल किया जाता है और सोमवती अमावस्या पर रूई को छूना भी निषेध है.
व्रत के दौरान पलंग पर ना सोएं
व्रत के दौरान सात्विकता के साथ-साथ संयम रखना भी जरूरी माना गया है. ऐसे में इस दिन पलंग या गद्दे पर सोने से बचना चाहिए. सोमवती अमावस्या व्रत के दौरान फर्श पर कंबल बिछाकर कर आराम करना अच्छा माना गया है.
नमक के सेवन से बचें
सोमवती अमावस्या के दिन भोजन में नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. फलाहार करना बेहतर होता है. क्योंकि ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है.
सूई का इस्तेमाल है निषेध
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन सुई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसे में इस दिन कपड़े सिलना या कटाई-बुनाई करने से बचना चाहिए. कहते हैं कि व्रती को व्रत अवधि में सूई के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए.