टीवी देखना होने जा रहा है महंगा, जानिए 1 दिसंबर से देना होगा कितना ज्यादा दाम

देश के प्रमुख ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क्स जी, स्टार, सोनी और वॉयकॉम 18 ने कुछ चैनल्स अपने बुके से बाहर कर दिए हैं.

Update: 2021-11-06 06:25 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के प्रमुख ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क्स जी, स्टार, सोनी और वॉयकॉम 18 ने कुछ चैनल्स अपने बुके से बाहर कर दिए हैं. जिसके कारण टीवी दर्शकों को 50 फीसदी तक ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है. देश में ब्रॉडकास्टिंग और मोबाइल सर्विसेज आदि को रेग्युलेट करने वाली संस्था ट्राई (TRAI- Telecom Regulatory Authority of India) के नए टैरिफ ऑर्डर के लागू करने की वजह से यह दाम बढ़ रहे हैं. स्टार प्लस, कलर्स, जी टीवी, सोनी और कुछ लोकप्रिय रीजनल चैनल्स को देखने के लिए दर्शकों को 35 से 50 फीसदी तक ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. नई कीमतों पर मोटामोटी नजर डालें तो यदि कोई दर्शक स्टार और डिज्नी इंडिया के चैनल देखना जारी रखना चाहता है तो उसे 49 रुपये की जगह 69 रुपये हर महीने खर्च करने होंगे. Sony के लिए उन्हें हर 39 की जगह 71 रुपये महीना खर्च करना होगा. ZEE के लिए 39 रुपये की जगह 49 रुपये और Viacom-18 चैनलों के लिए 25 रुपये की जगह 39 रुपये प्रति माह देने होंगे.

TRAI ने मार्च 2017 में एक फैसला किया था. उसने टीवी चैनल्स की कीमतों को लेकर न्यू टैरिफ ऑर्डर (NTO) जारी किया. इसके बाद 1 जनवरी, 2020 को एक बार फिर टैरिफ ऑर्डर जारी किया.
इसे NTO 2.0 कहा गया. नए टैरिफ ऑर्डर NTO 2.0 की वजह से ही नेटवर्क अपने चैनलों के दाम बदल रहे हैं. TRAI का मानना था कि NTO 2.0 दर्शकों को सिर्फ उन चैनलों के चयन और भुगतान करने का विकल्प और स्वतंत्रता देगा, जिन्हें वे देखना चाहते हैं.
 नुकसान कम करने के लिए कंपनियों ने ये फैसला लिया है. सबसे ज्यादा देखे जाने वाले चैनल्स को अपने बुके से बाहर कर उनके दाम अलग से वसूलने का रास्ता निकाला है.
अब अगर आपको को वो पॉपुलर चैनल देखने हैं तो वो बुके में नहीं मिलेंगे. उसके लिए अलग से पैसा देना होगा. नई फैसला 1 दिसंबर 2021 से लागू होगा.
अब क्या हुआ
टेलीविजन चैनल ब्रोडकास्टर्स ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. ट्राई ने जब NTO 2.0 की घोषणा की तो नेटवर्क कंपनियां इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं. उन्होंने इस पर स्टे की गुहार लगाई.
महीने के अंत में आ सकता है फैसला
IBDF-Indian Broadcasting & Digital Foundation ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक प्रस्ताव रखा है जिसमें उनके अधिकांश लोकप्रिय चैनलों को पैकेज से बाहर करना और उन्हें मौजूदा दरों से 30 फीसदी -50 फीसदी अधिक कीमत पर व्यक्तिगत रूप से पेश करना शामिल है.
मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया का कहना है कि ट्राई अपने नए टैरिफ लागू कराने पर अड़ा है और कोर्ट ने भी कोई स्टे ऑर्डर नहीं दिया है. ऐसे में कंपनियां नई कीमतें लागू करने पर मजबूर हैं
…तो 1 दिसंबर से हर महीने 50% ज्यादा देना होगा केबल टीवी बिल
अगर ये प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो दिसंबर से ग्राहकों को हर महीने 50 फीसदी ज्यादा बिल देना होगा. स्टार एंड डिज़नी इंडिया, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया, ज़ी एंटरटेनमेंट और वायकॉम 18 सहित कुछ प्रमुख ब्रोडकास्टर्स ने अपने प्रमुख चैनलों को बुके से बाहर रखते हुए और उनकी कीमत 15 रुपये से 30 रुपये के बीच रखी है.
लेकिन टेंशन में लोकल केबल ऑपरेटर्स
स्थानीय केबल ऑपरेटरों को डर है कि इस तरह की बढ़ोतरी से केबल टीवी उद्योग को बड़ा झटका लगेगा. उन्हें अपने ग्राहक घटने का डर है.


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