यूनिटधारकों को होगा फायदा, सेबी ने REIT, InvIT से जुड़े नियमों में किया बदलाव, जानिए

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने दो अलग-अलग सर्कुल में कहा कि ऐसे मामलों में बाहर होने के विकल्प का मूल्य अधिक होगा. यह वृद्धि पहले नोटिस की तारीख और दूसरे नोटिस की तारीख के बीच की अवधि के लिये 10 फीसदी सालाना की दर से तय होगी.

Update: 2021-10-06 04:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने रीट (REIT) और इनविट (InvIT) से जुड़े नियमों में बदलाव किया है. ये बदलाव अधिग्रहण और प्रायोजकों में बदलाव समेत विभिन्न परिस्थितियों में यूनिधारकों की असहमति की स्थिति में बाहर निकलने के विकल्प से संबंधित हैं. रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट (InvIT) निवेश के नये साधन हैं. असहमति जताने वाले यूनिटधारकों के लिये बाहर निकलने का विकल्प अधिग्रहण, प्रायोजक के स्तर पर बदलाव, प्रायोजक को शामिल करने या प्रायोजक के नियंत्रण में बदलाव आदि स्थिति में उपलब्ध होगा.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने दो अलग-अलग सर्कुल में कहा कि ऐसे मामलों में बाहर होने के विकल्प का मूल्य अधिक होगा. यह वृद्धि पहले नोटिस की तारीख और दूसरे नोटिस की तारीख के बीच की अवधि के लिये 10 फीसदी सालाना की दर से तय होगी. बता दें कि सेबी ने जुलाई, 2020 में असहमति जताने वाले यूनिटधारकों के लिये बाहर निकलने की व्यवस्था पेश की थी.
क्या है REIT?
आरईआईटी निवेशकों से पैसा जुटाकर रिटल एस्टेट में निवेश करता है. इससे आरईआईटी को नियमित आय होती है. साथ ही जिस प्रॉपर्टी में उसने निवेश किया है, उसकी कीमत बढ़ती रहती है. इससे भी उसे फायदा होता है. आरईआईटी कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करता है. इसमें मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, बिजनेस पार्क आदि हो सकते हैं. इस निवेश से उसे किराए के रूप में उसे नियमित आय होती है.
आरईआईटी को अपने फंड का 80 फीसदी पूरी तरह से तैयार और किराया देने वाली प्रॉपर्टी में निवेश करना पड़ता है. आरईआईटी को अपनी आय का 90 फीसदी यूनिटहोल्डर्स में बांटना पड़ता है. वह डिविडेंड या ब्याज के रूप में यूनिटहोल्डर्स को यह रकम बांटता है.
अब Silver ETF की होगी शुरुआत
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) की तरह अब सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) की शुरुआत होगी. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने देश में चांदी के लिए एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को शुरू करने की मंजूरी दे दी है. इसके अलावा सेबी निदेशक मंडल ने चांदी का ईटीएफ शुरू करने के लिए म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया है चांदी का ईटीएफ सोने के ईटीएफ के लिए मौजूदा नियामकीय व्यवस्था की तर्ज पर ही शुरू किया जा रहा है.
भारत में गोल्ड एक्सचेंज शुरू होगी
सेबी निदेशक मंडल ने Gold मार्केट के गठन की रूपरेखा संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. इस बाजार में सोने की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद के रूप में की जा सकेगी. शेयर बाजार की तरह काम करने वाले इस एक्सचेंज से मूल्यवान धातु के लिये पारदर्शी घरेलू हाजिर मूल्य तलाशने की व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी.
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (Electronic Gold Receipts- EGR) कहलाएगा और इसे प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य प्रतिभूति की तरह ईजीआर में कारोबार करने, समाशोधन और निपटान जैसी व्यवस्थायें होंगी.
सेबी के बयान के अनुसार कोई भी मान्यता प्राप्त, मौजूदा और नया एक्सचेंज ईजीआर में कारोबार शुरू कर सकता है. EGR के कारोबार को लेकर राशि और इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद को सोने में तब्दील करने के बारे में निर्णय शेयर बाजार सेबी की मंजूरी से कर सकता है.


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