केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी किसानों को जोरदार सलाह, चीनी का उत्पादन कम कर ईथोनॉल पर करें ज्यादा फोकस

Update: 2022-03-21 03:04 GMT

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Union Minister for Road Transport and Highways) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने चीनी मिलों को बदलते समय की वास्तविकताओं और राष्ट्र की जरूरतों के अनुरूप चीनी को इथेनॉल (Ethanol) में बदलने की अपील की है. गडकरी ने चीनी और संबद्ध उद्योगों के नेताओं को चेतावनी जारी की कि अगर चीनी का उत्पादन अभी की ही तरह आगे बढ़ता रहा, तो यह आने वाले समय में उद्योग के लिए हानिकारक होगा. उन्होंने कहा, एक देश के रूप में हम चावल, मक्का और चीनी सरप्लस हैं. गडकरी ने कहा कि हमारे भविष्य के लिए चीनी का उत्पादन कम करना और इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाना बेहतर है.

गडकरी ने बताया कि किस प्रकार एथेनॉल का अर्थशास्त्र डीजल या पेट्रोल (Petrol Diesel) द्वारा संचालित वाहनों से उत्कृष्ट है. उन्होंने कहा, हमने फ्लेक्स इंजन (Flex Engine) पर परामर्शी जारी की है. टोयोटा, हुंडई और सुजुकी ने मुझे आश्वासन दिया है कि वे छह महीने के भीतर फ्लेक्स इंजन लाएंगे.
हाल ही में, हमने ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) से चलने वाली पायलट कार लॉन्च की है. टोयोटा अध्यक्ष ने मुझे बताया कि उनकी कार फ्लेक्स है- या तो 100 फीसदी पेट्रोल या 100 प्रतिशत इथेनॉल और आने वाले दिनों में टोयोटा कारों को हाइब्रिड बिजली पर चलाया जाएगा, जो 40 फीसदी बिजली उत्पादित करेगी और 100 फीसदी इथेनॉल का उपयोग करके 60 प्रतिशत दूरी तय करेगी. पेट्रोल की तुलना में यह आर्थिक तरीका अत्यधिक लाभप्रद होगा.
गडकरी ने बताया कि भारत सरकार ने नागरिकों के लिए इथेनॉल भरने के लिए जैव ईंधन आउटलेट खोलने का निर्णय लिया है और कार, स्कूटर, मोटर साइकिल और रिक्शा फ्लेक्स इंजन पर उपलब्ध हो सकते हैं. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने पुणे में तीन इथेनॉल पंपों का उद्घाटन किया है. हालांकि अभी तक कोई एथनॉल भरने नहीं आया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बजाज, टीवीएस और हीरो ने फ्लेक्स इंजन से चलने वाली मोटर साइकिलें लॉन्च की हैं. फ्लेक्स इंजन पर स्कूटर और मोटर साइकिल उपलब्ध हैं. वे एथेनॉल से चलने वाला ऑटो रिक्शा भी लॉन्च करने के लिए तैयार हैं.
गडकरी ने इथेनॉल का उत्पादन करने वाली सभी चीनी मिलों को अपने कारखानों और अन्य क्षेत्रों में इथेनॉल पंप खोलने को प्रेरित किया. उन्होंने कहा, इससे100 फीसदी स्कूटर, ऑटो रिक्शा और कार एथेनॉल से चल सकते हैं और इस प्रकार इथेनॉल उपभोग में वृद्धि होगी, प्रदूषण में कमी आएगी, आयात कम होगा और गांवों में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा.
गडकरी ने आश्वासन दिया कि किसी को भी इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि क्या इथेनॉल के लिए पर्याप्त बड़ा बाजार उपलब्ध हो सकेगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, इथेनॉल एक ग्रीन और स्वच्छ ईंधन है. हम वर्तमान में 465 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन कर रहे हैं. जब ई-20 कार्यक्रम पूरा हो जाएगा, तो हमारी आवश्यकता लगभग 1,500 करोड़ लीटर की हो जाएगी. इसके अतिरिक्त, आने वाले पांच वर्षों में, जब फ्लेक्स इंजन तैयार हो जाएंगे, तो इथेनॉल की आवश्यकता 4,000 करोड़ लीटर हो जाएगी. इसलिए, अगर आप इथेनॉल में रुपांतरित नहीं होते हैं और चीनी का उत्पादन जारी रखते हैं, तो मिल घाटे में चली जाएगी. उन्होंने कहा कि एक व्यवहार्य विकल्प गन्ने के रस से सिरप का उत्पादन करना और उससे इथेनॉल का उत्पादन करना भी है.

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